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Jhansi News: दर्द से तड़पता रहा मरीज, डॉक्टरों ने इलाज किए बिना अस्पताल से बाहर निकाला
Jhansi News: इमरजेंसी विभाग में तैनात महिला डॉक्टर ने घायल अवस्था में पड़े उसके भाई के गालों और सीने में थप्पड़ मारे और बिना सुन्न किए उसको टांके लगा दिए, जिससे वह दर्द की वजह से चिल्लाता रहा।
Jhansi News: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी में डॉक्टरों की एक घिनौनी करतूत सामने आई है। जहां सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल एक मरीज दर्द से तड़पता रहा, लेकिन डॉक्टरों ने उसका इलाज करने से मना कर दिया। मामला मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी विभाग का है। मरीज के भाई ने एक महिला डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए बताया कि ललितपुर में एक सड़क दुर्घटना में उसका भाई घायल हो गया था। ललितपुर अस्पताल से उसे झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां इमरजेंसी विभाग में तैनात महिला डॉक्टर ने घायल अवस्था में पड़े उसके भाई के गालों और सीने में थप्पड़ मारे और बिना सुन्न किए उसको टांके लगा दिए, जिससे वह दर्द की वजह से चिल्लाता रहा। लाख मना करने के बावजूद भी महिला डॉक्टर ने उसकी एक नही सुनी और उल्टा उसके साथ भी गाली गलौज करते हुए अभद्रता करने लगी।
मरीज के परिजनों ने डॉक्टर की इस बात का जब विरोध किया तो डॉक्टर ने मरीज का इलाज करने से मना कर दिया और मरीज को अस्पताल से बाहर निकाल दिया। घायल अवस्था में पड़ा मरीज दर्द से चिल्लाता रहा, उसकी मां अपने बेटे के इलाज के लिए रोती बिलखती रही। इसके बाबजूद भी डॉक्टरों का दिल नही पसीजा। मेडिकल कॉलेज का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी डॉक्टरों द्वारा इस प्रकार के कई मामले प्रकाश में आए, लेकिन मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा कोई ठोस कार्यवाही न करने से डॉक्टरों के हौसले बुलंद हैं।
हाथ ठेले से मरीज को लेकर तीमारदार अस्पताल पहुंचा
मरीज को लेकर ठेले पर जाने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, वायरल वीडियो गुरसराय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। गुरसराय कसबे में रहने वाला इरफान खान अपनी मां का इलाज कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरसराय पहुंचा था। इरफान खान ने बताया कि चार पहिए के ठेले पर उसकी मां है, जो वृद्ध होने के कारण बीमार है, जिनका इलाज कराने वह अस्पताल आया है, जब इरफान से चार पहिए के ठेले पर मां को लाने का कारण पूछा तो, उसने जो बताया वह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे, मां को लेकर आए इरफान ने बताया कि उसे पता ही नहीं है कि एंबुलेंस की 108 भी कोई सुविधा है, अब ऐसे में सवालिया निशान उन जिम्मेदार अधिकारियों पर खड़े हो जाते हैं, जिन्हें शासन की योजनाएं जन-जन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मिलती है, और योजनाएं को जिम्मेदार जन-जन तक पहुंचाने का दावा करते है।
उन दावों की पोल खोलती यह तस्वीर पर नजर डालिए, जहां हाथ ठेले पर अपनी मां को अस्पताल लाने वाला वीडियो साफ तौर पर चीख चीखकर गवाही दे रहा है, की देखो प्रदेश के हाकीम देखो, कैसे आपके द्वारा गरीबों तक पहुंचाने वाली योजनाएं कागजों में दम तोड़ रही है, और निचले स्तर पर शासन की योजनाओं के बारे में लोगों को पता तक नहीं है, इन योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के नाम पर अब तक करोड़ों रुपए सरकार बहा चुकी है, बावजूद इसके यह खबर शासन की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने वाले अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े कर रही है।