TRENDING TAGS :
Jhansi Medical College fire: बीस बच्चों की मौत मांग रही अपनी मौत का इंसाफ
Jhansi News: मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन ने एक जांच कमेटी बनाई। जिसमे कई लोगों पर कागजों पर गाज गिरी और धीरे-धीरे मामला कागजों तक सिमट कर रह गया।
Jhansi News
Jhansi News: नवंबर 2024 को झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए भयानक अग्निकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस दर्दनाक हादसे में लगभग 20 बच्चों की जलकर दर्दनाक मौत हुई थी। झाँसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग इतनी भयानक थी कि छह से सात बच्चे जलकर कोयला बन गए थे। इस घटना को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया था और देर रात ही उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को झांसी के लिए रवाना कर दिया था।
मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन ने एक जांच कमेटी बनाई। जिसमे कई लोगों पर कागजों पर गाज गिरी और धीरे-धीरे मामला कागजों तक सिमट कर रह गया। शासन की रिपोर्ट और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई सामने उजागर हो गई। शासन की रिपोर्ट की माने तो इस बड़े हादसे में सबसे बड़ी वजह लापरवाही और निर्माण कार्यो में कमीशन खोरी निकाल कर सामने आई।
27 नवंबर 2024 की उस रिपोर्ट के आधार पर झांसी मेडिकल कॉलेज के सात लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। जिसमें डॉक्टर नरेंद्र सिंह सेंगर प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज झांसी को लखनऊ अटैच किया गया। डॉ सुनीता राठौर, प्रमुख अधीक्षक झांसी, सुजीत कुमार अवर अभियंता विद्युत और संध्या राय नर्सिंग सिस्टर को निलंबित किया गया। डॉ ओम शंकर चौरसिया, डॉ कुलदीप चंदेल और डॉ सचिन माहौर को आरोप पत्र दिया गया।
हैरानी वाली बात यह है कि इस कांड के पहले आरोपी डॉ नरेंद्र सिंह सेंगर लखनऊ अटैच होने के बाद भी झांसी मेडिकल कॉलेज में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हाज़िर रहते हैं। इस कांड के दूसरे आरोपी डॉक्टर सचिन माहौर आज भी अपनी सेवाएं झांसी मेडिकल कॉलेज में दे रहे हैं। यह वही डॉक्टर सचिन माहौर हैं जिनको गुजरात पुलिस द्वारा एमबीबीएस में फर्जी घोटाले को लेकर गिरफ्तार किया गया था, फिलहाल वह जमानत पर हैं।
इस कांड का तीसरा आरोपी डॉक्टर ओम शंकर चौरसिया, यह भी एमबीबीएस में भर्ती घोटाले को लेकर आरोपित हो चुके हैं। इनका नाम पांच सदस्यों की जांच टीम ने अपनी जांच में स्पष्ट रूप से लिखा था। ऐसे लोगों के आरोपी होने के बाद कार्रवाई न होना उनके कद और सिस्टम में सेटिंग का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
इस मामले में वर्तमान में झांसी मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य डॉक्टर मयंक सिंह ने बताया कि इस मामले में आगे की कार्रवाई कमिश्नरेट कार्यालय कानपुर के अधीन है और झांसी मेडिकल कॉलेज के स्तर से इस मामले में कोई भी कार्रवाई पेंडिंग नहीं है।चार महीने से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी कमिश्नरेट कार्यालय कानपुर द्वारा इस संबंध में अभी तक कोई भी मुकदमा संबंधित आरोपियों के खिलाफ दर्ज नहीं कराया गया है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!