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Jhansi News: पुलिस वाहन से तीन कैदी फरार, तीन दारोगा, चार मुख्य आरक्षी और एक आरक्षी निलंबित
Jhansi News: तीन कैदी समेत 11 पर मुकदमा दर्ज, सिविल पुलिस और जीआरपी की गठित पुलिस टीमों की छापेमारी जारी।
Jhansi District Jail (Photo-Social Media)
Jhansi News: रेलवे अदालत में पेशी होने के बाद बिना सुरक्षा वाहन से फरार हुए तीन कैदी के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। जीआरपी ने तीन दारोगा, चार मुख्य आरक्षी, एक आरक्षी समेत 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसएसपी राजेश एस ने तीन दारोगा समेत आठ लोगों को निलंबित कर दिया है। वहीं, एसएसपी के निर्देशन में गठित की गई पुलिस टीमों की दो टीमों और जीआरपी की टीमों द्वारा छापेमार की कार्रवाई जारी है। टीमों ने फरार हुए कैदियों के परिजनों व रिश्तेदारों से संपर्क स्थापित किया है। इनसे पूछताछ की जा रही है।
मालूम हो कि झाँसी जिला कारागार में मध्य प्रदेश के ग्वालियर के थाना हजीरा स्थित रेशम मिल पुरानी लेन के पास रहने वाले शैलेंद्र, सागर के थाना जीमी रहली के रेहली खिमलिया निवासी गया प्रसाद अहिरवार उर्फ गुड्डा, शिवपुरी के थाना करैरा के ग्राम राजपुरा निवासी बृजेंद्र सिंह उर्फ हजरत, मोहम्मद अकरम, शिवपुरी के थाना करैरा के कच्ची वाली वार्ड नंबर 12 में रहने वाले राजू जाटव उर्फ शंकर जाटव, शिवपुरी के थाना करैरा के ग्राम राजपुर निवासी शैलेंन्द्र सिंह उर्फ मोनू रावत और चेतराम को झाँसी जिला कारागार से रेलवे अदालत में पेशी पर लाया गया था। पेशी होने के बाद शैलेंद्र, गया प्रसाद और बृजेंद्र सिंह को वाहन में बैठाया गया था। मौका देखकर तीनों कैदी रहस्यमय ढंग से फरार हो गए थे।
इन पर दर्ज हुआ मुकदमा
सिविल पुलिस के प्रतिसार निरीक्षक सुभाष सिंह की तहरीर पर जीआरपी पुलिस ने उपनिरीक्षक सुरेश सिंह यादव, उपनिरीक्षक राजेंद्र अनुरागी, उपनिरीक्षक पंकज सिंह, मुख्य आरक्षी शिवपाल, मुख्य आरक्षी सुनील कुमार, मुख्य आरक्षी संदीप कुमार, मुख्य आरक्षी जितेंद्र कुमार, आरक्षी अनिल कुमार, अभियुक्त बृजेंद्र कुमार, गया प्रसाद और शैलेंन्द्र के खिलाफ दफा 223,224 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने ड्यूटी में काफी लापरवाही बरती है। लापरवाही का कारण रहा कि तीन अभियुक्त पुलिस को चकमा देकर रफू चक्कर हो गए हैं।
जांच में यह लोग सही पाए गए
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस के आदेश पर जिला कारागार से रेलवे अदालत में पेशी पर लाने वाले पुलिस स्टॉफ की जांच करायी गयी। हर बिन्दु को लेकर जांच की गई। कौन-कौन दारोगा, मुख्य आरक्षी व सिपाही ने कौन-कौन अभियुक्तों को पेशी पर लेकर गया था। पुलिस वाहन के पास किन-किन की ड्यूटी लगाई गई थी। जांच में उपनिरीक्षक हरिशंचद्र सिंह, मुख्य आरक्षी रामचंद्र सिंह,, हरिशंचद्र सिंह, आरक्षी हिमांशु अपनी अपनी ड्यूटी का निर्वाह करते हुए पाए गए हैं। इस आधार पर इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। आठ लोगों ने बहुत बड़ी लापरवाही की है। इस कारण उनको निलंबित किया गया है।
पुलिस टीमों का गठन, छापेमार की कार्रवाई जारी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस का कहना है कि रेलवे अदालत में पेशी होने के बाद फरार हुए कैदी के मामले को गंभीरता से लिया गया। पूरे मामले की मानीटरिंग करायी जा रही है। साथ ही दो टीमों का गठन किया गया है। यह टीमें जीआरपी के सहयोग से काम करेंगी। इसके अलावा जीआरपी की टीमें भी गठित की गई हैं। गठित की गई टीमों ने छापेमार की कार्रवाई शुरू कर दी है। टीमों ने मध्य प्रदेश समेत अनेकों स्थानों पर छापे डाले हैं। छापे के दौरान टीमों ने अभियुक्तों के रिश्तेदार, परिजनों से वार्तालाप की है। एसएसपी का कहना है कि तीन दारोगा, चार मुख्य आरक्षियों और एक आरक्षी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
ग्वालियर का हिस्ट्रीशीटर है शैलेंन्द्र सिंह
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के थाना हजीरा स्थित रेशम मिल पुरानी लेन के पास रहने वाले शैलेंद्र को जीआरपी झाँसी ने 13 जून को वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी रेलवे स्टेशन पर मोबाइल फोन चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। शैलेंद्र सिंह ग्वालियर का हिस्ट्रीशीटर है। इसके खिलाफ लूटपाट के भी मुकदमा पंजीकृत है। जीआरपी के अलावा सिविल पुलिस थाने में मुकदमा पंजीकृत है। इसी तरह सागर के थाना जीमी रहली के रेहली खिमलिया निवासी गया प्रसाद अहिरवार उर्फ गुड्डा को जीआरपी ने 23 अप्रैल को हिरासत में लेते हुए जिला कारागार भेज दिया था। इसके अलावा शिवपुरी के थाना करैरा के ग्राम राजपुरा निवासी बृजेंद्र सिंह उर्फ हजरत को रेलवे पुलिस ने चोरी का मोबाइल फोन बरामद कर जेल भेजा गया था। इन दोनों पर भी कई मुकदमा पंजीकृत है।
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