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Jhansi News: फर्जी मुकदमा दर्ज कराना पड़ सकता हैं महंगा, हो सकती है कार्रवाई
Jhansi News: शासन ने फर्जी तरीके से दर्ज करवाए गए मुकदमों की सूची मांगी है। इसमें झाँसी भी शामिल है। पुलिस अफसरों को गुमराह कर गलत तरीके से दर्ज कराए गए मुकदमे में संबंधित व्यक्ति पर किसी भी समय अब कार्रवाई हो सकती है।
Jhansi News (Pic:Social Media)
Jhansi News: यूपी सरकार व भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने के उद्देश्य से दर्ज करवाए गए फर्जी मुकदमा दर्ज करने के मामले को लेकर शासन गंभीर है। शासन ने फर्जी तरीके से दर्ज करवाए गए मुकदमों की सूची मांगी है। इसमें झाँसी भी शामिल है। पुलिस अफसरों को गुमराह कर गलत तरीके से दर्ज कराए गए मुकदमे में संबंधित व्यक्ति पर किसी भी समय अब कार्रवाई हो सकती है। इसको लेकर पुलिस व गलत तरीके से मुकदमा दर्ज करवाने वाले लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस अफसरों को गुमराह कर सिटीजन व उसके बेटे के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करने के मामले को शासन ने गंभीरता से लिया था। इसके लिए गठित की गई एसआई टीम टीम ने दर्ज किए गए मुकदमा की ही पोल खोल दी।
पहले अफसरों को किया था गुमराह, फिर दर्ज कराया मुकदमा
जेल भेजे गए सिटीजन व उसके बेटा को अदालत से रिहा कर दिया गया था। अब शासन ने अफसरों को गुमराह कर मुकदमा दर्ज करने वाले धनाढ्य व्यक्ति पर नजर रखना शुरु कर दिया है। शासन गोपनीय तरीके से जांच करवा रहा है। इसकी भनक लगते ही धनाढ्य व्यक्ति को शरण देने वाले लोगों में हड़कंप मच गया है। उधर, बबीना विधायक ने भी निर्दोष भेजे गए बाप-बेटा के मामले को संज्ञान में लिया था।
फर्जी मुकदमा दर्ज करने वाले धनाढ्य पर शासन की नजर
मालूम हो कि मेरी गांव के चौहरे हत्याकांड में शामिल यशपाल यादव ने बीते साल दो मई को बेटी की शादी का फर्जी कार्ड बनाकर कोर्ट से आठ दिन की पैरोल ली थी। इस मामले का खुलासा तब हुआ था जब थाना नवाबाद के मैरी तिराहा निवासी विपिन यादव ने एसएसपी को शिकायती पत्र देकर बताया था कि वह 2007 में ग्राम मैरी में हुए चौहरे हत्याकांड में मुकदमे के वादी राजेश यादव की ओर से पैरोकार है। उसने आरोप लगाया था कि उसकी पैरवी के चलते ही आरोपी उससे रंजिश रखते थे। जेल से बाहर आने के बाद यशपाल यादव उसकी हत्या करने के उद्देश्य से मेरी तिगैला के पेट्रोल पंप पर रुका था। पूरे मामले की जांच में पेट्रोल पंप संचालक लाखन सिंह व उसका बेटा भी साजिश का आरोपी बनाया गया था।
इसके बाद लाखन सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं, लाखन सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी ने बबीना विधायक राजीव सिंह से न्याय दिलाने की गुहार लगाई थी। इस मामले में विधायक ने शासन को पत्र लिखकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। इस मामले को शासन ने गंभीरता से लेते हुए एसआईटी टीम का गठन करने का आदेश दिया था। इस आदेश के तहत एसएसपी राजेश एस ने एसआईटी टीम का गठन किया था। इसमें क्राइम ब्रांच, महिला पुलिस अधिकारी, उपनिरीक्षक समेत पांच सदस्यीय टीम गठित की गई थी। एसआईटीम ने पूरे मामले की जांच की थी। जांच के दौरान मामला फर्जी पाया गया था। इस मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। यह रिपोर्ट अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को भी भेजी गई थी। रिपोर्ट के आधार पर लाखन सिंह को जेल से रिहा किया गया था।
लाखन सिंह की नामजदगी गलत पायी गयी थी
न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय संख्या 03. में विवेचक कृष्ण कुमार सिंह निरीक्षक एसआईटी० अपराध शाखा विवेचना विंग, झांसी की ओर से प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया था कि अभियुक्त लाखन सिंह यादव को मुकदमा उपरोक्त के प्रारम्भिक विवेचक द्वारा प्रारम्भिक साक्ष्य के आधार पर 18 फरवरी 2023 को गिरफ्तार करके न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर न्यायिक अभिरक्षा रिमाण्ड पर जिला कारागार, भेजा गया था। प्रकरण की गम्भीरता को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक के आदेश पर विवेचना हेतु प्रार्थी निरीक्षक की अध्यक्षता के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया, जिस पर एसआईटी द्वारा सम्यक साक्ष्य संग्रहित करते हुए साक्ष्य का अवलोकन एवं विवेचना किये जाने पर अभियुक्त लाखन सिंह की नामजदगी गलत पायी गयी है।
ऐसे किया गया था लाखन सिंह को जेल से बाहर
केस डायरी के पर्चा सं०- 37 में विवेचक द्वारा इस आशय का अंकन किया जाना भी दर्शित होता है कि प्रस्तुत प्रकरण में आरोपित लाखन सिंह यादव एवं अमित यादव की अपराध में संलिप्तता नहीं पायी गयी थी। गठित विशेष विवेचना दल (एसआईटी) के मुख्य विवेचक कृष्ण सिंह एवं अन्य सदस्यगण की ओर से उक्त प्रार्थनापत्र प्रस्तुत कर प्रकरण में निरूद्ध अभियुक्त लाखन सिंह यादव का न्यायिक अभिरक्षा रिमाण्ड/वारण्ट निरस्त कर उसे रिहा किये जाने का निवेदन किया गया था। ऐसी स्थिति में अभियुक्त लाखन सिंह यादव का न्यायिक अभिरक्षा रिमाण्ड विवेचक द्वारा प्रस्तुत प्रार्थनापत्र के आधार पर निरस्त किया था।
एसआईटी टीम ने खोल दी थी पोल
पुलिस अफसरों को गुमराह कर सिटीजन व उसके बेटे के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करने के मामले को शासन ने गंभीरता से लिया था। इसके लिए गठित की गई एसआईटीम टीम ने दर्ज किए गए मुकदमा की ही पोल खोल दी। जेल भेजे गए सिटीजन व उसके बेटा को अदालत से रिहा कर दिया गया था। अब शासन ने अफसरों को गुमराह कर मुकदमा दर्ज करने वाले धनाढ्य व्यक्ति पर नजर रखना शुरु कर दिया है। शासन गोपनीय तरीके से जांच करवा रहा है। इसकी भनक लगते ही धनाढ्य व्यक्ति को शरण देने वाले लोगों में हड़कंप मच गया है।
एसआईटी टीम में थे यह लोग
एसआईटी टीम में कृष्ण कुमार सिंह, अपराध शाखा, झांसी (मुख्य विवेचक) एवं उनके सहयोगार्थ हेतु उपनिरीक्षक प्रकाश सिंह, थाना प्रेमनगर, जिला झासी, उपनिरीक्षक निखिल कुमार, थाना प्रेमनगर, जिला झासी, उपनिरीक्षक कुलभूषण सिंह सर्विलांस सेल, झांसी एवं आरक्षी श्रीमती मीनू चाहर, थाना प्रेमनगर, झासी को उक्त विवेचना एसआईटी में मुख्य विवेचक के सहयोगार्थ नियुक्त किया गया था।
फर्जी तरीके से मुकदमा दर्ज करवाने वाले व्यक्ति पर होगी कार्रवाई
बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा ने कहा कि पुलिस ने लाखन सिंह को गलत तरीके से जेल भेजा था। इसके लिए एसआईटीम गठित की गई थी। एसआईटी टीम ने लाखन सिंह को निर्दोष पाया था। इस आधार पर उसे जेल से रिहा किया गया था। उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी शासनकाल में किसी भी निर्दोष व्यक्ति को जेल नहीं भेजा जाता है, अगर भेजा भी जाता है तो जांच करवाई जाती है। उनका कहना है कि फर्जी तरीके से मुकदमा दर्ज करवाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होगी। उनका कहना है कि यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में है।
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