कैथी फिल्म महोत्सव में लोक कलाकारों का जलवा, चला नाटक-कविताओं का दौर

Newstrack
Published on: 6 Feb 2016 8:55 PM IST
कैथी फिल्म महोत्सव में लोक कलाकारों का जलवा, चला नाटक-कविताओं का दौर
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वाराणसी: वाराणसी में चौबेपुर के कैथी में चल रहे तीन दिवसीय फिल्म मोहत्सव के दूसरे दिन शनिवार को विभिन्न विधाओं के गीत संगीत की प्रस्तुति हुई। सुविख्यात शंख वादक रामजन्म यादव के शंखवादन और दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम का आगाज हुआ। उसके बाद बालचन्द्र प्रधान के नेतृत्व में गाजीपुर से आई लोक कलाकारों की टीम ने सामाजिक मुद्दों पर आधारित लोकगीतों की प्रस्तुति दी।

'भारतीय क्रांति में नारियों का योगदान' पर परिचर्चा

परिचर्चा 'भारतीय क्रांति में नारियों का योगदान' विषय पर बोलते हुए वक्ताओं ने रानी लक्ष्मी बाई, बेगम हजरत महल, उदा देवी, मस्तानी बाई, रनवीरी वाल्मीकि, शोभा देवी आदि वीरांगनाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। आजादी के आंदोलन में कस्तूरबा गांधी और अरुणा आसफ अली की भूमिका का भी उल्लेख किया। वक्ताओं ने बदलते परिवेश में महिला हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

नाटक के माध्यम से दिया संदेश

तबला वादक दीपक मोदनवाल की ताल पर दर्शक मंत्रमुग्ध हुए। वाराणसी की सांस्कृतिक टीम 'प्रेरणा कला मंच' ने मुंशी प्रेमचंद की रचना 'अमानत' का मंचन किया। इसके माध्यम से समाज में प्रेम और भाईचारे का संदेश देने की सार्थक कोशिश की गई। एसओएस हर्मन माइनर स्कूल के बच्चों ने बालिका शिक्षा के महत्व पर एक नाटक 'कमला का कमाल' के माध्यम से लड़कियों के बाल विवाह पर सवाल खड़ा किया। वहीं आनंद प्रकाश तिवारी ने 'गंगा पुजैया' गीत की प्रस्तुति दी।

चला कविताओं का दौड़

कवयित्रियों ने सुरुचिपूर्ण काव्यपाठ किया। निवेदिता मिश्रा, सरस दरबारी, अंजना सक्सेना, माधुरी मिश्र वली, और गुड्डो दादी ने अपनी काव्य सुनाई।

युवा जादूगर ने किया रोमांचित

वाराणसी के युवा जादूगर रामतीरथ सिंह की जादू की प्रस्तुति ने उपस्थित जन समुदाय को रोमांचित कर दिया। उन्होंने एक से बढ़ कर एक जादू दिखा लोगों को सोमांचित कर दिया।

अन्य कलाकारों का प्रदर्शन भी रहा उम्दा

कैथी के स्टंट कलाकार सुदामा गिरी की बाजीगरी और इसी गाँव के उभरते गायक रवि भारद्वाज की गायकी को भी सराहना मिली। पोस्टर, चित्र, दस्तावेज और पुस्तक प्रदर्शनी के प्रति भी लोगों का काफी रुझान रहा।

फिल्मों का भी प्रदर्शन

शाम होने पर फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। दिल्ली के निर्भया कांड पर आधारित लघुवृत्त चित्र 'आई एम निर्भया' दिखया गया। उसके बाद क्रांतिकारियों की गाथा समेटे लघु फिल्म 'इंकलाब' की प्रस्तुति हुई। अंत में फीचर फिल्म 'मदर इंडिया' का प्रदर्शन से कार्यक्रम का समापन हुआ।

7 फरवरी के प्रमुख कार्यक्रम:

3 से 4.30 बजे : भजन गायन, लोकनृत्य ( हुडुप, गोंड़ऊ) नाटक: प्रेम की बोली बोल ।

4.30 से -5.30 बजे : परिचर्चा: किसानो की आत्महत्याएं और सरकारें मौन ।

5 से -6.30 बजे : संगीत मय कबीर वाणी ।

6.30 से -7 बजे : स्थानीय सांस्कृतिक प्रस्तुति (मूक अभिनय, हास्य अभिनय)।

7 से -10.30 बजे : लघु वृत्त चित्र: 'अल्लाह ओ अकबर', लघुफिल्म : 'दशरथ मांझी', फीचर फिल्म : 'दो बीघा जमीन'।

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