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Kannauj News: तिरंगा यात्रा और वंदे मातरम के नारों के हुजूम के बीच लाया गया युवा अग्निवीर का पार्थिव शरीर

Kannauj News: सौरव के पिता ने जब राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया तो हर आंख नम थी। अंतिम विदाई के दौरान भारी भीड़ के बीच सेना के अधिकारियों से लेकर जिले के डीएम सुभ्रांत कुमार शुक्ला, एसपी अमित कुमार आनंद, विधायक कैलाश राजपूत समेत कई अन्य सरकारी अधिकारियों और राजनीतिक दलों के लोगों ने भी शहीद सौरव पाल को अंतिम विदाई दी।

Pankaj Srivastava
Published on: 6 Oct 2024 3:57 PM IST (Updated on: 6 Oct 2024 3:59 PM IST)
Kannauj News: तिरंगा यात्रा और वंदे मातरम के नारों के हुजूम के बीच लाया गया युवा अग्निवीर का पार्थिव शरीर
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Kannauj News (Pic- Newstrack)

Kannauj News: सेना के प्रशिक्षण शिविर में गैस सिलेंडर में आग लगने की घटना में घायल होने के बाद इलाज के दौरान शहीद हुए जवान अग्निवीर का पार्थिव शरीर रविवार को जब उनके पैतृक गांव लाया गया तो उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सौरव के पिता ने जब राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया तो हर आंख नम थी। अंतिम विदाई के दौरान भारी भीड़ के बीच सेना के अधिकारियों से लेकर जिले के डीएम सुभ्रांत कुमार शुक्ला, एसपी अमित कुमार आनंद, विधायक कैलाश राजपूत समेत कई अन्य सरकारी अधिकारियों और राजनीतिक दलों के लोगों ने भी शहीद सौरव पाल को अंतिम विदाई दी।

आपको बता दें कि कन्नौज जिले की तहसील तिर्वा क्षेत्र के उमर्दा चौकी के भखारा गांव निवासी राकेश पाल के दो बेटे सौरव और उत्कर्ष उर्फ ​​गोलू के अलावा दो बेटियां पूजा और अर्चना हैं। दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है, जबकि छोटा बेटा उत्कर्ष बीएससी करने के बाद पुलिस की तैयारी कर रहा है। राकेश की पत्नी की करीब 7 साल पहले मौत हो गई थी।

सौरव पाल वर्ष 2022 में अग्निवीर योजना के तहत आर्मी डिफेंस कॉरिडोर (भारतीय सेना) में भर्ती हुए थे। ट्रेनिंग के बाद सौरव की तैनाती राजस्थान के भरतपुर में हुई थी। दो दिन पहले मथुरा में आर्मी ट्रेनिंग सेंटर में गैस सिलेंडर से हुई भीषण आग की घटना में सौरव घायल हो गए थे। इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराए जाने के दौरान सौरव की मौत हो गई।घटना की सूचना जब सौरव के परिजनों तक पहुंची तो कोहराम मच गया था। जिसके बाद परिजन सौरव का शव लेने के लिये मौके के लिये रवाना हो गये थे।

रविवार की सुबह सेना के वाहन में अफसरों की मौजूदगी में शहीद सौरव का पार्थिव शरीर जैसे ही जिले की तहसील सीमा में पहुंचा तो वह तिर्वा कन्नौज मार्ग पर स्थित एक्सप्रेस-वे के फगुआ कट पर पहुंचा। यहां पर वहां मौजूद भारी भीड़ बाइक जुलूस की शक्ल में वंदे मातरम के नारे लगाते हुए और तिरंगा लहराते हुए उमड़ पड़ी। शहीद का वाहन तिर्वा कन्नौज मार्ग पर फगुआ कट से तिर्वा कस्बे से होते हुए उमर्दा चौकी क्षेत्र के भखरा गांव के लिए रवाना हुआ तो शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ा भारी जनसैलाब जुलूस की शक्ल में वंदे मातरम के नारे लगाते हुए और तिरंगा लहराते हुए सौरव के गांव पहुंचा।

इधर अपने पैतृक गांव में सौरव का अंतिम संस्कार उसके पिता राकेश पाल ने एक खेत में किया। इसके पूर्व शहीद की अंतिम विदाई के लिए मौके पर पहुंचे सेना के अफसरों के अलावा डीएम, एसपी, विधायक, प्रशासन के अन्य अधिकारी व राजनीतिक दलों के लोगों ने भी गार्ड ऑफ ऑनर के बीच राजकीय सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी। शहीद सौरव के कई सहपाठी काफी दुखी नजर आए। उनका कहना था कि पिछले साल जुलाई में जब सौरव घर आया था तो सभी से गले मिला था और इस बार जब छुट्टी मिली तो यह कहकर गया था कि दीपावली पर घर आकर सभी के साथ दिवाली मनाएगा। प्रेमी सहपाठियों व परिजनों को क्या पता था कि सौरव अब कभी छुट्टी पर नहीं आएगा। दरअसल दिवाली से पहले तिरंगे में लिपटा उसका शव मिला था।सुबह बलिदानी को सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ ने आंखों से सौरव को बिदा किया। परिजनों का हाल भी बेहाल था, फिर भी पिता लड़खड़ाती जवान में मानो यही कह रहा था, कि आखिर बेटे ने देश की सेवा में अपने प्राण न्योछावर किये है, हमको अपने बेटे पर गर्व है।



Ragini Sinha

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