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Kanpur News: रिश्वत कांड में एंटी करप्शन सवालों के घेरे में, महिला लेखपाल के हाथ धुले पर नहीं उतरा 'रंग'!
Kanpur News: सिकंदरा तहसील में एंटी करप्शन टीम की एक हालिया कार्रवाई अब विवादों के केंद्र में आ गई है।
Kanpur Dehat News: सिकंदरा तहसील में एंटी करप्शन टीम की एक हालिया कार्रवाई अब विवादों के केंद्र में आ गई है। मुबारकपुर गांव के पूर्व प्रधान जयप्रकाश की शिकायत पर टीम ने महिला लेखपाल विनीता यादव को कथित तौर पर 4000 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। लेकिन, इस गिरफ्तारी के बाद सामने आए एक वीडियो ने पूरी कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दरअसल, गिरफ्तारी के बाद एंटी करप्शन टीम ने विनीता यादव के हाथों को पानी से धुलवाया, ताकि यह साबित हो सके कि उन्होंने रिश्वत के नोट छुए थे, जिन पर केमिकल लगाया गया था। हैरान करने वाली बात यह रही कि धोने के बावजूद महिला लेखपाल के हाथों से केमिकल का रंग नहीं छूटा और पानी बिल्कुल सफेद ही रहा। इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है।
वीडियो में कैद दृश्यों में तहसील के अन्य कर्मचारी एंटी करप्शन टीम की इस कार्रवाई पर खुलकर संदेह जता रहे हैं। कई कर्मचारियों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि महिला लेखपाल को साजिश के तहत फंसाया गया है। वे इस पूरी कार्रवाई को एक षड्यंत्र बता रहे हैं और एंटी करप्शन टीम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि यदि विनीता यादव ने वास्तव में रिश्वत ली होती, तो उनके हाथों पर केमिकल का रंग जरूर दिखता।
हालांकि, एंटी करप्शन टीम के अधिकारी अपनी कार्रवाई को पूरी तरह से नियमानुसार बता रहे हैं। उनका कहना है कि शिकायत के आधार पर ही यह कार्रवाई की गई है और उनके पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। लेकिन, वायरल वीडियो में दिख रहे साक्ष्य एंटी करप्शन टीम के दावों को कमजोर करते नजर आ रहे हैं। महिला लेखपाल के हाथों से केमिकल का रंग न छूटना, रिश्वत के आरोपों को संदिग्ध बनाता है।
इस पूरे मामले ने कानपुर देहात के प्रशासनिक गलियारों में खलबली मचा दी है। जहां एक तरफ एंटी करप्शन टीम अपनी कार्रवाई को सही ठहरा रही है, वहीं दूसरी तरफ तहसील कर्मचारियों और आम लोगों के बीच इस कार्रवाई को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। अब सबकी निगाहें इस मामले की आगे की जांच पर टिकी हुई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष निकलता है और क्या महिला लेखपाल पर लगे रिश्वत के आरोप सही साबित होते हैं या फिर यह वाकई एक फंसाने की साजिश थी। फिलहाल, वीडियो में दिख रहे विरोधाभासी साक्ष्य एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाते हैं।