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Pilot Sudhir Yadav: प्लीज ये लेटर जरूर पढ़ लेना..., बलिदानी पति को पत्नी ने दिया आखिरी पैगाम
Pilot Sudhir Yadav: बीते रविवार को गुजरात के पोरबंदर में इंडियन कोस्टगार्ड का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। हादसे में कोस्टगार्ड पायलट सुधीर कुमार यादव समेत तीन लोग शहीद हो गए थे।
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Pilot Sudhir Yadav: गुजरात के पोरबंदर में हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हुए पायलट सुधीर यादव का तिरंगे में लिपटा हुआ पार्थिव शरीर मंगलवार को श्यामनगर स्थित उनके आवास पर पहुंचा। बेटे के पार्थिव शरीर को देखते ही सभी की आंखों से आंसू बह निकले। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल था।
वहीं पायलट सुधीर यादव की पत्नी आवृत्ति की हालत सभी का कलेजा फट रहा था। सुधीर कुमार की जज पत्नी आवृत्ति नैथानी ने पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि देते हुए पत्र फोटो के पास रखी। पत्र को रखते हुए आवृत्ति ने कहा कि प्लीज इस लेटर को जरूर पढ़ लेना। कोई फॉल्ट हो गयी हो तो माफ कर देना। वी प्राउड ऑफ यू सुधीर। आवृत्ति की बातें सुनकर वहां मौजूद सभी लोग उनके प्रेम और समर्पण को देख भावुक हो गये।
बीते रविवार को गुजरात के पोरबंदर में इंडियन कोस्टगार्ड का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। हादसे में कोस्टगार्ड पायलट सुधीर कुमार यादव समेत तीन लोग शहीद हो गए थे। मंगलवार दोपहर सुधीर का पार्थिव शरीर कानपुर के श्यामनगर स्थित आवास पर पहुंचा। पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए घर पर लोगों का तांता लग गया।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मंत्री प्रतिभा शुक्ला, कैंट विधायक मोहम्मद हसन रूमी, एडीएम सिटी राजेश कुमार, डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह, एसीपी चकेरी दिलीप कुमार सिंह, पार्षद निर्देश सिंह चौहान, सपा नेता फतेह बहादुर सिंह और वरुण यादव ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके बाद पायलट सुधीर यादव के पार्थिव शरीर को सेवन एयरफोर्स हॉस्पिटल में मोर्चरी में रख दिया गया। जहां से बुधवार सुबह पार्थिव शरीर को कानपुर देहात स्थित पैतृक गांव शिवली हरकिशनपुर ले जाया जाएगा। वहां अंतिम दर्शन के बाद बिठूर घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बेबस नजर आए मां-पिता
पायलट सुधीर यादव के पार्थिव शरीर को देखते ही मां राजमणि बिलख कर रोने लगी। रोते हुए बोलीं कि हाय हमार बाबू चला गा.. हमरे बेटन की जोड़ी फूट गई। यहीं नहीं बिलखते हुए बोलीं कि अगले जन्म में फिर घर वापस लौट आना। वहीं पिता नवाब सिंह यादव भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे। सुधीर यादव के भाई धर्मेंद्र अपने माता-पिता को काफी समझा रहे थे। लेकिन माता-पिता के पुत्र को खोने के दर्द के आगे वह बेबस हो जा रहे थे।
आवृत्ति बोलींः ऑफिस ड्रेस पहन गर्व महसूस करते थे..
पति सुधीर यादव के पार्थिव शरीर को देख आवृत्ति के आंसू नहीं थम रहे थे। वह रोते हुए यह कह रही थी कि उन्हें सुधीर पर गर्व है। उन्होंने जीवन में कभी भी हार नहीं मानी। वह बनना चाहा वह बने। हमेशा परिवार और मेरा ख्याल रखते थे। पायलट पति को याद करते हुए आवृत्ति ने कहा कि उन्हें ऑफिस ड्रेस पहन कर बहुत प्राउड फील होता था। वह कभी भी अपने यूनिफॉर्म में सिकुड़न नहीं आने देते थे। वह कभी भी ऑफिस या प्लेन में जाते थे तो मुझसे बात जरूर करते थे। दूर रहकर भी हमेशा मेरे पास होने का एहसास कराते थे।
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