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यहां खून चूसने वालों पर किसानों ने कर दिया हमला, पुलिस प्रशासन परेशान
भाकियू के मंड़ल प्रभारी कुलदीप पांडेय ने बताया कि लेखपाल किसानों के प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर तीन तीन सौ रूपये का काम करते हैं, यानि का खून चूसने का काम करते हैं, जब इस बात का यूनियन ने विरोध किया तो लेखपालों ने किसानों पर हमला वोल दिया और उलटा किसान नेताओ के ऊपर मुकदमा दर्ज करा दिया।
कासगंज: यूपी के कासगंज जिले में लेखपाल और भारतीय किसान यूनियन के बीच हुई मारपीट का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। जहां एक ओर तहसील कर्मियों ने किसान यूनियन की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर किसान नेताओं पर दर्ज हुए मामले को समाप्त करने की मांग कर लेकर आंदोलन पर हैं।
आज रविवार को सैकड़ो की संख्या में किसान यूनियन के नेतओं ने शहर में जुलूस निकाल कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। इस मौके पर भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में आस पास के नेता मौजूद थे।
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भाकियू के मंड़ल प्रभारी कुलदीप पांडेय ने बताया कि लेखपाल किसानों के प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर तीन तीन सौ रूपये का काम करते हैं, यानि का खून चूसने का काम करते हैं, जब इस बात का यूनियन ने विरोध किया तो लेखपालों ने किसानों पर हमला वोल दिया और उलटा किसान नेताओ के ऊपर मुकदमा दर्ज करा दिया।बरहाल किसानों के आक्रोश को देखकर भारी संख्या में पुलिस पीएसी के अलावा एसडीएम, तहसीलदार मौजूद थे।
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इस मौके पर भाकियू के जिलाध्यक्ष ने बताया कि आशीष पांडेय ने बताया कि जो भी मंड़ल प्रभारी का आगामी निर्देश होगा, उसका पालन करेंगे। पहले जिलाप्रशासन ने एक सप्ताह का आश्वासन दिया है। उसको देखते हैं। उन्होंने बताया कि में किसानों के गांव गांव पहुंचकर कर मिल रहा हूं, किसानों का कहना है कि कोई गांव में लेखपाल आयेगा उसकी मारपीट करेंगे।
एसडीएम ललित कुमार ने ज्ञापन के बाद बताया कि किसान यूनियन द्वारा मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौपा गया है। उसे भेज दिया गया है साथ ही एक सप्ताह का आश्वासन दिया गया है, उचित मांगे होगी वो पूरी कराई जायेगी।
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