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KENT RO ने शुरू की देश की सबसे बड़ी वाटर प्यूरिफायर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट, सालाना 5 लाख यूनिट का होगा प्रोडक्शन
नोएडा: निवेश के नजरिए से उद्यामियों के लिए प्रदेश का शो विंडो पहली पसंद बन चुका है। सैमसंग कंपनी की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट के बाद सोमवार को केंट आरओ ने देश की सबसे बड़ी वाटर प्यूरिफायर मैनुफेक्चरिंग प्लांट की शुरुआत की। नए प्लांट के साथ यहा सालाना क्षमता पांच लाख आरओ वाटर प्यूरिफायर यूनिट से बढ़ाकर दुगुनी यानी 10 लाख कर देगा। यूनिट को करीब 150 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई है। इसे बनाने में तीन साल का समय लगा। यह यूनिट एक हजार से ज्यादा रोजगार को पैदा करेगी। सोमवार को यूनिट का उद्घाटन आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर और मथुरा सांसद हेमा मालिनी ने किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री डाक्टर महेश शर्मा व विधायक पंकज सिंह के साथ केंट आरओ के सीएमडी डा. महेश गुप्ता भी मौजूद रहे।
प्राधिकरण बना रहा अनुकूल माहौल
प्रदेश में रोजगार व निवेश को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण पुलिस व प्रशासन इनके लिए अनुकूल महौल बनाने का प्रयास कर रहे है। यही वजह है कि फरवरी 2018 में लखनऊ में हुई इवेर्स्ट मीट में अकेले नोएडा से करीब 60 हजार करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए गए। भविष्य में यहां बड़ी औद्योगिक इकाईयां विकसित होंगी। इस कड़ी में सैमसंग देश की सबसे बड़ी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट यहां शुरू कर चुका है। इसी कड़ी में सोमवार को केंट आरओ ने भी अपनी यूनिट शहर में शुरू की। यह भी देश की सबसे बड़ी आरओ प्यूरिफायर यूनिट है। यही नहीं इस अवसर पर केंट आरओ ने नेक्सट जेनरेशन का आरओ वाटर प्यूरिफायर लांच किया। इसमे स्टेरेज टैंक में यूवी एलईडी सुरक्षा की एक अतरिक्त लेयर है। जो फिल्टर स्टोर वाटर की शुद्धता निश्चित करती है। पूरी यूनिट को 32 हजार वर्गमीटर के क्षेत्रफल में बनाया गया।
सीएमडी महेश गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में वाटर प्यूरिफायर इंडस्ट्री में 40 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी अकेले केंट आरओ की है। यही नहीं इस क्षेत्र में महज 10 प्रतिशत का ग्रोथ रेट है। लेकिन केंट का अकेले का ग्रोथ रेट 15 प्रतिशत है। ऐसे में यह नई यूनिट राजस्व , निवेश के साथ रोजगार को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस असवर पर आध्यातमिक गुरु श्री-श्री रवि शंकर ने कहा कि समाज में दो तरह के लोग है। एक वह जो समस्या का समाधान करते है जिनकी संख्या काफी कम है। और एक वो जो समाधान में अंड़गा लगाते है। इनकी संख्या बहुत ज्यादा है। लिहाजा जो भी काम करे उसकी शुरुआत ध्यान से की जाए। आध्यात्म एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें काम शुरू करने पर कार्य प्रगति के पथ पर चलता है न कि वह एक समय बाद गिरने लगता है।
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