जमीन हड़पने के लिए की थी सौतेले भाई की हत्या, तीन गिरफ्तार

लालच में आकर ही लोग अपराध करते हैं। जहां लालच बस जाती है वहां सारे रिश्ते बौने हो जाते हैं।

Ashvini Mishra
Published on: 7 May 2021 9:58 PM IST (Updated on: 9 May 2021 9:01 AM IST)
Step brother killer
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फोटो— पुलिस की गिरफ्त में सौतेले भाई का हत्यारा (साभार— सोशल मीडिया)

चंदौली। लालच ही पतन का कारण होता है। लालच में आकर ही लोग अपराध करते हैं। जहां लालच बस जाती है वहां सारे रिश्ते बौने हो जाते हैं। चंदौली में कार से बरामद शव के मामले में ऐसा ही खुलासा है। यहां हत्यारा कोई और नहीं बल्कि अभिषेक त्रिवेदी का सौतेला ही निकला है। बता दें कि चंदौली जनपद के अलीनगर थाना अंतर्गत बसन्तु की मड़ई गांव के समीप नेशनल हाईवे 2 पर 23 अप्रैल को एक कार से रक्तरंजित शव मिला था, जिसकी पहचान अभिषेक त्रिवेदी के रूप में हुई थी। अभिषेक त्रिवेदी बिहार के मुठानी मोहनिया थाने का निवासी था। वह बनारस के सामने घाट में मकान बनाकर रहते थे। हत्या की सूचना के बाद पत्नी ने थाने में संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

शिकायत के आधार पर थानाध्यक्ष अलीनगर संतोष सिंह व क्राइम ब्रांच प्रभारी अतुल सिंह की टीम ने 7 अप्रैल को हत्या में शामिल सौतेले भाई आलोक त्रिवेदी पुत्र स्व. संजय त्रिवेदी व उसके दो साथियों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इस संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम सरोज ने बताया कि अभिषेक त्रिवेदी व आलोक त्रिवेदी स्व. संजय त्रिवेदी के दो पत्नियों के पुत्र है। दोनों के बीच जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। आरोपी आलोक त्रिवेदी अपने सौतेले भाई के हिस्से की जमीन नहीं देना चाहता था, इसलिए वह अभिषेक त्रिवेदी की हत्या में शामिल, मोहन तिवारी से बुलवाकर बनारस से मुठानी अपने मकान पर ले गया। इस दौरान वह अपने तीन साथियों के साथ मिलकर अभिषेक की हत्या कर दी।

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हत्या के बाद अभिषेक त्रिवेदी का शव गाड़ी में रखकर अलीनगर थाना क्षेत्र के हाईवे पर छोड़कर फरार हो गये। गाड़ी में शव के साथ अवैध असलहा भी बरामद हुआ था। मृतक की पत्नी के तहरीर के आधार पर जांच के दौरान पुलिस को अभिषेक त्रिवेदी के सौतेले भाई पर शक हुआ। पुलिस ने आलोक त्रिवेदी से जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली। उसने बताया कि अपने साथियों के साथ मिलकर उसी ने ही घटना को अंजाम दिया था। आलोक की निशानदेही पर पुलिस ने उसके मकान के पीछे से खून से सने बोरे के साथ—साथ अन्य साक्ष्य भी बरामद कर लिए हैं। साथ ही पुलिस ने आलोक त्रिवेदी उसके दोस्त मोहन तिवारी और मनीष शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं एक अन्य साथी अभी भी फरार चल रहा है।

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Raghvendra Prasad Mishra

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