यहाँ हिंदी में पढो, क्या कहते हैं अजान में...दंगे नहीं भड़केंगे मेरे दोस्त

Rishi
Published on: 22 April 2017 8:14 PM IST
यहाँ हिंदी में पढो, क्या कहते हैं अजान में...दंगे नहीं भड़केंगे मेरे दोस्त
X

देवबंद : पिछले कुछ समय से अजान को लेकर कुछ भद्दी बयानबाजी की जा रही हैं। लोग चटखारे ले कर ख़बरें पढ़ रहे हैं, सोशल मीडिया पर तो कुछ अराजक तत्व ये कहते फिर रहे हैं, कि अजान अरबी में दी जाती है। अगर हिंदी में दी जाने लगे तो देश में दंगे हो जायेंगे। लेकिन मुस्लिमों को छोड़ किसी को नहीं पता कि आखिर अजान का मतलब क्या है। क्यों नमाज से पहले दी जाती है, तो ऐसे में हमने सोचा कि थोडा ज्ञान दे दिया जाए।

ये भी देखें : गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा के कड़े इंतजाम, पुलिस की बढ़ी तैनाती

अजान का मतलब होता है बुलाना। जब भी नमाज पढ़ी जाती है, तो अजान दी जाती है। ये इस लिए होता है ताकि नमाज पढने वाले आवाज सुन एकत्र हो सकें, और साथ में नमाज अदा कर सकें। मस्जिद में नमाज पढने के कई कारण हैं उनमें से एक ये है, कि एक ही स्थान पर कई लोग साथ में बिना गरीबी अमीरी की परवाह करे मिलें और अल्लाह को याद करें।

ये देखिये ये है अजान, पहले इसे पढने की कोशिश करो फिर हिंदी वाली पढ़ लेना

‘अल्लाहु अकबर। अल्लाहु अकबर।

अश्हदु अल्ला इला-ह इल्लल्लाह, अशहदु अल्ला इला-ह इल्लल्लाह

अश्हदु अन-न मुहम्मदर्रसूलुल्लाह। अश्हदु अन-न मुहम्मदर्रसूलुल्लाह।

हय-य अलस्सलाह। हय-य अलस्सलाह।

हय-य अलल फलाह। हय-य अलल फलाह।

अल्लाहु अकबर। अल्लाहु अकबर।

ला इला-ह इल्लल्लाह

असिस्लातु खैरुम्मिनन्नौम, अस्सलातु खैरुम्मिन्नौस।’

अब हिंदी में समझ लो, इसमें कहीं भी कुछ भी ऐसा नहीं है जिसे सुन दंगे भड़क सकें

ईश्वर ही महान है। ईश्वर ही महान है।

मैं साक्षी हूं कि ईश्वर के सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं है। मैं साक्षी हूं कि ईश्वर के सिवा कोई पूज्य-प्रभु नही है।

मैं साक्षी हूं कि मुहम्मद ईश्वर के सन्देष्टा है।

मैं साक्षी हूं कि मुहम्मद ईश्वर के सन्देष्टा है।

आओ नमाज की ओर। आओ नमाज की ओर।

आओ सफलता एंव कल्याण की ओर। आओ सफलता एंव कल्याण की ओर।

ईश्वर की महान है। ईश्वर ही महान है।

ईश्वर के सिवा कोई पूज्य- प्रभु नहीं है।

अस्‍सलातु खैरूं मिनन नउम

अस्‍सलातु खैरूं मिनन नउम

नमाज़ सोने से उत्तम है*

*यह मात्र सुबह की नमाज़ में कहे जाते हैं

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!