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Kushinagar News: छह चिताएं एक साथ जलता देख नदी भी रोयी, घाट भी रोया
Kushinagar News: एक साथ गांव से 6 अर्थी उठी तो मंजर देखकर पूरा गांव दहल उठा। वहीं जब छोटी गंडक नदी के रगड़गंज घाट पर छः चिताएं एक साथ जली तो चिताओं को जलते देख मां रूपी नदी तो बिलख उठी साथ ही घाट पर जितने लोग उपस्थित थे सब की आंखें नम हो गई।
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kushinagar News: बेदर्द जिंदगी भी कभी-कभी इतना बड़ा घाव देती है कि पूरा गांव जवार रोने को मजबूर हो जाता है। ऐसा ही एक हादसा कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र की भुजौली शुक्ला गांव के पास रविवार रात में पडरौना - पनियहवा मार्ग पर हुआ जहां पर विवाह समारोह में शामिल होने जा रहे एक गांव के 6 युवकों की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए।
घटना इतना भयानक था कि कटर मशीन से काटकर कार में फंसे मृत युवकों को निकाला गया । आज पोस्टमार्टम के बाद जब शव उनके गांव पहुंचा तो गांव में मातम छा गया। परिजन दहाड़े मार मार कर रोने लगे। एक साथ गांव से 6 अर्थी उठी तो मंजर देखकर पूरा गांव दहल उठा। वहीं जब छोटी गंडक नदी के रगड़गंज घाट पर छः चिताएं एक साथ जली तो चिताओं को जलते देख मां रूपी नदी तो बिलख उठी साथ ही घाट पर जितने लोग उपस्थित थे सब की आंखें नम हो गई।
शोकाकुल गांव में किसी के घर नहीं जला चूल्हा
भीषण सड़क हादसे में जान गवा बैठे रामकोला थाना क्षेत्र के नरायनपुर चरागहा के पांच तथा कुसम्हा के घुरचिया टोला के एक युवक का शव गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया। गांव में मातम पसरा हुआ है किसी के घर चूल्हा नहीं जला सब लोग शोकाकुल हैं।रविवार को रामकोला थाना के नारायनपुर चरागहा के गोपाल मद्धेशिया के लड़के की बारात नौरंगिया की तरफ गई थी।
बारात समारोह में शामिल होने के लिए बाराती एक कार से रात्रि में जा रहे थे कि नौरंगिया थाना क्षेत्र के भुजौली शुक्ल गांव के पास पडरौना- पनियहवा मार्ग पर कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई जिस पर सवार छह युवक हरेंद्र मद्धेशिया पुत्र शंकर उम्र 34 वर्ष ,योगेंद्र मद्धेशिया पुत्र शंकर उम्र 38 वर्ष, मुकेश पुत्र रामानंद उम्र 30 वर्ष, रंजीत पुत्र राजेंद्र उम्र 28 वर्ष ,ओमप्रकाश पुत्र रामकिशन उम्र 29 वर्ष, भीम यादव पुत्र लक्ष्मण उम्र 24 वर्ष की मौत हो गई इस हादसे में दो लोग गंभीर रूप से घायल भी हो गए।इस हादसे ने गांव के ऐसे नौजवानों को छीन लिया जो कहीं न कहीं मेहनत मजदूरी कर परिवार के लिए सहारा थे। मुकेश हिमाचल प्रदेश में रहकर मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते थे।
बारात जाते वक्त हुए सड़क हादसे ने 7 साल के आर्यन, 4 साल के अंकुश और 6 माह की बेटी अनन्या के सिर से पिता का छाया छीन लिया। इसी गांव के दो सगे भाई योगेंद्र और हरेंद्र की भी इस हादसे में मौत हो गई । दोनों भाइयों के एक साथ गुजर जाने से परिवार पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है। मृतक रंजीत रगड़गंज में चाय की दुकान चलाकर परिवार का भरण पोषण करते थे। दो साल पहले उनकी शादी हुई थी। भीम यादव जो मुंबई में मेहनत मजदूरी कर परिवार की माली हालत सुधारने की जीतोड़ मेहनत करते थे वह भी 8 माह के एक बेटे को छोड़कर काल के गाल में समा गए ।मृतक ओमप्रकाश मिठाई की दुकान चलाकर परिवार का भरण पोषण करते थे।