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ग्राम्य विकास मंत्री ने बताया, UP की इन 19 नदियों का होगा पुनरोद्धार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की प्रवासी मजदूरों को यूपी में ही रोजगार उपलब्ध कराने की मुहिम के तहत अब उनके मंत्रिमंडल के मंत्रियों ने भी अपने-अपने विभागों में हर विभागीय कार्य में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने शुरू कर दिए हैं।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की प्रवासी मजदूरों को यूपी में ही रोजगार उपलब्ध कराने की मुहिम के तहत अब उनके मंत्रिमंडल के मंत्रियों ने भी अपने-अपने विभागों में हर विभागीय कार्य में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने शुरू कर दिए हैं।
इसी क्रम में यूपी के ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने विभाग द्वारा अधिक से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश की 19 नदियों के पुनरोद्धार का कार्य प्रारम्भ करने का निर्देश दिया है। उन्होंने इस कार्य को प्राथमिकता पर किए जाने की हिदायत देते हुए कहा है कि इससे जहां एक ओर नदियों को जीवित बनाया जा सकेगा तो दूसरी ओर इस कार्य के द्वारा अधिक से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
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ग्राम्य विकास मंत्री ने बताया कि नदियों के पुनरोद्धार के संबंध में आने वाली कठिनाइयों के निराकरण के लिए ग्राम्य विकास मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें जल शक्ति मंत्री तथा पंचायती राज मंत्री सदस्य होंगे। इसके साथ ही नदियों के पुनरोद्धार के कार्य में बेहतर समन्वय के लिए राज्य स्तर पर ग्राम विकास विभाग द्वारा एक राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास विभाग अध्यक्ष होंगे तथा प्रमुख सचिव पंचायतीराज, प्रमुख सचिव सिंचाई, प्रमुख सचिव नमामि गंगे व ग्रामीण पेयजल एवं आपूर्ति, प्रमुख सचिव वन विभाग तथा आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग सदस्य होंगे। जबकि अपर आयुक्त मनरेगा ग्रामीण विकास सदस्य सचिव होंगे।
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इन नदियों का होगा पुनरोद्धार
मोती सिंह ने कहा कि प्रदेश की 19 नदियों, सई, पांडु, मंदाकिनी, टेढ़ी, मनोरमा नदी, वरुणा नदी, ससुर खदेरी, अरिल, मोरवा, तमसा, नाद, कर्णावती, बान, सोन, काली पूर्वी, डाढ़ी, ईशन, बूढ़ी गंगा तथा गोमती नदियों के पुनरोद्धार का कार्य किया जाएगा। इस क्रम में सई नदी, मंदाकिनी नदी तथा पांडु नदी को पहले चरण में चयनित करते हुए उनके पुनरोद्धार का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने बैठक में निर्देश दिया कि चयनित नदियों का विस्तृत डीपीआर सिंचाई विभाग के माध्यम से बनवा लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि नदियों के पुनरुद्धार में मनरेगा योजना अंतर्गत वर्तमान में जो कार्य कैचमेंट एरिया में कराए जा रहे हैं उनको चालू रखते हुए वृक्षारोपण, नालों का जीर्णोद्धार तथा तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य कराते हुए श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया जाए।
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