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Lakhimpur Kheri News : नई मुसीबत बना थप्पड़ कांड, क्या सरकार और संगठन फिर आमने-सामने?
Lakhimpur Kheri News : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी सदर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक योगेश वर्मा के साथ मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है, जो योगी सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।
Lakhimpur Kheri News : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी सदर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक योगेश वर्मा के साथ मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है, जो योगी सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। संगठन के साथ ही समाज से जुड़े कई बड़े नेता एमएलए के समर्थन में उतर आए हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब सवाल उठता है कि क्या एक बार फिर सरकार और संगठन आमने-सामने हो गया है? संगठन के लोगों का मानना है कि सरकार में उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
लखीमपुर खीरी से सदर विधायक योगेश वर्मा को सरेआम पुलिस के सामने बार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अवधेश सिंह ने थप्पड़ मार दिया था। यही नहीं, उनके साथियों ने एमएलए को कॉलर पकड़ कर जमीन में गिरा दिया था और उनके साथ मारपीट, अभद्रता की थी। इसे लेकर कुर्मी समाज में काफी आक्रोश है। कुर्मी समाज के लोग इस मारपीट को स्वाभिमान से जोड़कर देख रहे हैं। ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राम निवास वर्मा ने कहा कि योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग खासतौर पर कुर्मी समाज के लोगों को अपमानित करने का काम किया गया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया और कहा कि पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने की बजाय योगेश वर्मा को ही पकड़ रही थी, इससे साफ है कि यह घटना पुलिस-प्रशासन के संरक्षण में हुई है, जो घोर निंदनीय है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
समर्थन में उतरे ये संगठन
बीजेपी विधायक के समर्थन में शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर बिलोवी हॉल के सामने पटेल संस्थान (गोला, लखीमपुर, बहराइच), ओबीसी महासभा, कुर्मी क्षत्रिय महासभा, कुर्मी युवा महासंघ, बाथम वैश्य महासभा, परशुराम सेना और ब्राह्मण महासभा सहित समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही शासन-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए हैं। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत तमाम दलों के नेता भी सम्मेलन में पहुंचे। वक्ताओं ने विधायक योगेश वर्मा से मारपीट के आरोपी अवधेश सिंह, पुष्पा सिंह पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी, एडीएम संजय कुमार सिंह का तबादला, कोतवाली प्रभारी अंबर सिंह के निलंबन की मांग की।
प्रदेश व्यापी आंदोलन की चेतावनी
वहीं, सामाजिक संगठनों की नाराजगी को देखते हुए पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने कहा है कि वीडियो फुटेज के आधार पर जांच की जा रही है, आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस से मिले आश्वासन के बाद एक दिवसीय प्रदर्शन को समाप्त कर दिया गया है। हालांकि संगठनों के पुलिस-प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा। वहीं, रसिक मोहन कल्याण समिति, सरदार वल्लभ भाई पटेल स्मारक, जिला सिख संगठन और सरदार सेना सहित कई संगठनों ने एमएलए के साथ हुई अभद्रता की निंदा करते हुए सरकार से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यही नहीं, बीजेपी के कई नेताओं ने दबी जुबान में अपनी ही सरकार पर कार्यकताओं की सुनवाई नहीं किए जाने का आरोप लगाया है। संगठन के नेताओं ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
अपना दल ने पुलिस-प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के जिलाध्यक्ष राजीव पटेल ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को भेजा है। ज्ञापन में कहा गया है कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के चुनाव में धांधली करने की नीयत से प्रतिद्वंदी उम्मीदवार का पर्चा फाड़ने वाले बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश सिंह व उनके समर्थकों ने प्रायोजित तरीके से एमएलए योगेश वर्मा पर जानलेवा हमला करके अपमानित करने का गंभीर अपराध किया है। यह कृत्य प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों की शह पर और उनके संरक्षण में हुआ है।
इससे ओबीसी समाज अपने आपको उपेक्षित महसूस करते हुए आक्रोशित है। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ रासुका और बुलडोजर जैसी कार्रवाई नहीं की गई तो ओबीसी समाज का कानून व्यवस्था से विश्वास उठ जाएगा और अपने हितों की रक्षा के लिए अन्य विकल्प चुनने को विवश होगा। उन्होंने सीएम योगी से घटना का संज्ञान लेते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
संगठन के नेता पहले भी लगा चुके आरोप
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी सहित सहयोगी दलाें के नेताओ ने अपनी अपनी ही सरकार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। ये कोई पहली बार नहीं है, जब सवाल उठे हों, इससे पहले भी नेता अपनी ही सरकार सवाल उठा चुके हैं। लोकसभा चुनाव के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच ठन गई थी और ये विवाद दिल्ली तक पहुंचा था। उन्होंने कार्मिक विभाग को चिट्ठी लिखकर आरक्षण के नियमों का सही से पालन नहीं किए जाने को लेकर सवाल उठाए थे। इसके बाद केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि संगठन, सरकार से बड़ा है। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार और संगठन के बीच सबकुछ ठीक से नहीं चल रहा है। इस दौरान कई नेताओं ने भी योगी सरकार पर आरोप लगाए थे कि कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी जा रही है। वहीं, अनुप्रिया पटेल ने भी सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया था।