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पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंह के खिलाफ चलेगा मुकदमा
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंह के खिलाफ सीबीआई लखनऊ की अदालत में चल रहे आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया।
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंह के खिलाफ सीबीआई लखनऊ की अदालत में चल रहे आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया और अन्य सह अभियुक्तों को राहत देते हुए उन्हें तीन हफ्ते में कोर्ट में समर्पण करने की छूट दी है।
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कोर्ट ने कहा है कि इनके द्वारा पेश जमानत अर्जी नियमानुसार निर्णीत की जाए तथा तीन हफ्ते तक इन पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही न की जाए। अन्य अभियुक्तों में अमन भसीन, अवधेश यादव व हरीश गंगवार शामिल हैं।
कोर्ट ने याची वीरेन्द्र सिंह की बीमारी का सत्यापन कर इनके मुकदमे को अन्य से अलग करके सुनवाई करने का भी निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने वीरेन्द्र सिंह व अन्य की धारा 482 के तहत दाखिल याचिका पर दिया है।
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याचीगण के खिलाफ हत्या व अपहरण का केस दर्ज हुआ। 95 वर्षीय बुजुर्ग की लाश तालाब से बरामद हुई थी। पुलिस ने आत्महत्या करार देते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी। इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गयी।
सीबीआई अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश का कहना था कि आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की गयी है। मृतक बुजुर्ग के बेटे व परिवार को याची ने इतना परेशान किया और मुकदमे में उलझा दिया कि मृतक आत्महत्या को मजबूर हो गया।
कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए पूर्व विधायक को राहत देने से इंकार कर दिया। उस समय वह वेंटिलेटर पर है। कोर्ट ने मजिस्ट्रेट को इसका सत्यापन करने को कहा है।
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