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BJP ने चौपट कर दी देश व प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था: अखिलेश यादव
अखिलेश ने कहा कि धान की रोपाई के लिए किसान खाद को तरस रहा है और सरकारी ढील का फायदा उठाकर कालाबाजारियों ने बाजार में तबाही मचा रखी है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने देश व प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को चैपट कर दिया है। अखिलेश ने कहा कि धान की रोपाई के लिए किसान खाद को तरस रहा है और सरकारी ढील का फायदा उठाकर कालाबाजारियों ने बाजार में तबाही मचा रखी है। सरकार द्वारा निर्धारित यूरिया खाद का दाम 266 रुपए है।
लेकिन दुकानदार 350 रुपए से लेकर 400 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से बेच रहे हैं। घोटालेबाजों ने कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए बिना आधार कार्ड के खाद की बिक्री दिखा दी। फर्जी और काल्पनिक नामों का इस्तेमाल कर इनके फर्जी पहचान पत्र के नम्बर पीओएस मशीन में दर्ज कर अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक हजारों कुंतल खाद अवैध ढंग से बेच डाली।
अखिलेश ने खाद के अभाव को लेकर सरकार पर उठाए सवाल
Akhilesh Yadavसपा अध्यक्ष ने गुरुवार को कहा कि यूपी में भाजपा राज में किसान आपदा और अभाव से अभिशप्त है। खरीफ की फसल के लिए यूरिया चाहिए पर तमाम साधन सहकारी समितियों के गोदाम खाली हैं। मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में 23,252 कुंटल खाद घोटाला उजागर हुआ है। फर्जी नामों पर खाद बिक्री के धंधे में 18 विक्रेताओं की सूची बनी है। अमरोहा में भी खाद वितरण में घोटाला मिला है। यहां साधन सहकारी समिति वालों ने ब्लैक में चंद किसानों को सैकड़ों बोरी खाद बेंच दी। सपा अध्यक्ष ने कहा कि ये भी शिकायतें मिली हैं कि कई स्थानों पर किसानों को खाद की बोरी के साथ कीटनाशक व रसायन जिंक आदि की खरीद के लिए भी मजबूर किया जा रहा है।
Akhilesh Yadav
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खाद के थोक विक्रेता फुटकर दुकानदारों को अपनी शर्तों पर खाद बेच रहे हैं। उन्होंने इसमें कृषि विभाग के अफसरों की भी साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि कृषि विभाग न तो अवैध बिक्री पर रोक लगा रहा है और न ही निर्धारित दर पर खाद बिकवा पा रहा है। अखिलेश ने कहा कि हरदोई में यूरिया के नाम पर कालाबाजारी चल रही है। बाराबंकी के जिलाधिकारी ने तो खुद अपनी जांच में पाया कि कहीं दुकानदार ने अपने भूमिहीन बेटे और नौकर को खाद बेच दी तो कहीं खाद न होने का बहाना बनाया। जबकि दुकान के अंदर खाद की बोरियां भरी थीं। ऐसे गड़बड़ी वाले 21 खाद विक्रेता चिह्नित भी किए गए हैं। उन्नाव में खाद न मिलने की शिकायत राज्य के सहकारिता मंत्री से की गई है और उनसे धान रोपाई के लिए जल्द यूरिया तथा डीएपी खाद की उपलब्धता कराने का आग्रह किया गया है।
भाजपा को नहीं किसानों की चिंता- अखिलेश
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अखिलेश यादव ने कहा कि किसान अन्नदाता है लेकिन भाजपा उसकी हितचिंता से बेपरवाह है। क्योंकि वह कॉरपोरेट संरक्षक पार्टी है। यूपी में भाजपा राज में किसानों की जितनी बर्बादी हुई है और उन्हें अपमानित किया गया है उतना पहले कभी नहीं हुआ। गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ रुपया बकाया है। इसके भुगतान पर सरकार गम्भीर नहीं है।
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इतना ही नहीं गन्ना किसानों का अपमान करने के लिए केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य में केवल 10 रुपया प्रति कुंटल की वृद्धि की है। उन्होंने सवाल किया कि किसानों की आय दुगनी कब होगी? वर्ष 2022 तो अब दरवाजे पर ही खड़ा है। किसान तो दूर-दूर तक इंतजार कर रहा है कि उसके लिए घोषित राहत पैकेज की रकम कहां है?
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