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ठेके कर्मचारी राजधानी के 500 मीटर की दूरी में फंसे, नहीं मिला वेतन
नवाबों के शहर लखनऊ में कुछ लोग काम करने के बाद वेतन के लिए परेशान हैं। स्वास्थ्य विभाग का कार्य करने के बाद उनको सैलरी नहीं मिल पाई है।
अमित यादव
लखनऊ: नवाबों के शहर लखनऊ में कुछ लोग काम करने के बाद वेतन के लिए परेशान हैं। स्वास्थ्य विभाग का कार्य करने के बाद उनको सैलरी नहीं मिल पाई है। यह वाकया सीएमओ कार्यालय से शुरू होकर स्वास्थ्य निदेशालय के बीच में लटका है, क्योंकि इन दोनों कार्यालयों के बीच की दूरी महज 500 मीटर है। जी हां, चौकिए मत, यह वाकया राजधानी का है। जिसके बारे में newstrack.com आपको बता रहा है।
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शहर के 110 वॉर्डों में पिछले तीन महीने से एंटी लार्वा का छिड़काव करने वाले 225 ठेके कर्मचारियों को वेतन दिए बिना उनकी छुट्टी कर दी गई है। ठेके कर्मचारी अपने ही वेतन के लिए परेशान हैं। वे सीएम के जनता दरबार से लेकर स्वास्थ्य निदेशालय, सीएमओ कार्यालय तक गुहार लगा चुके हैं। लेकिन, अभी तक मेहनताना नहीं मिल पाया है। कर्मचारी वीरेंद्र सिंह दिवाकर का आरोप है कि बिना वेतन दिए ही सीएमओ साहब ने नौकरी से निकाल दिया और अभी तक किए गए काम का पैसा कब मिलेगा, इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिली है।
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वहीं, दूसरी ओर सीएमओ डॉ. जीएस वाजपेयी बताते हैं कि स्वास्थ्य निदेशालय से 20 लाख का बजट पहले ही मिल चुका है, लेकिन ठेका संचालित करने वाली आशा सिक्योरिटी गार्ड एजेंसी ने कर्मचारियों का सही ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया है। इस कारण वेतन कर्मचारियों को नहीं मिल पाया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही सभी ठेके के स्टॉफ को वेतन मिल जाएगा, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
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यह है मामला
सीएमओ जीएस वाजपेई ने शहर के 110 वॉर्डों में एंटी लार्वा का छिड़काव करवाने के लिए 225 कर्मचारियों को दैनिक वेतन के आधार पर ठेके पर लिया था। कर्मचारियों ने करीब तीन महीने तक लार्वा का छिड़काव सभी वॉर्डों में किया। गली -मोहल्ले जाकर लोगों को जागरूक करते रहे। लेकिन, कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला। इससे नाराज कर्मचारियों ने सीएमओ ऑफिस का घेराव कर वेतन की मांग की थी। जिससे सीएमओ ने कर्मचारियों से काम लेना मना कर दिया। कर्मचारियों ने दोबारा सीएमओ ऑफिस का घेराव किया। इसके बाद मामला स्वास्थ्य निदेशालय तक पहुंचा। जहां महानिदेशक डॉ. पद्माकर सिंह ने कर्मचारियों के वेतन जल्द भुगतान करने का निर्देश भी दिया था। लेकिन, निर्देश दिए करीब डेढ़ महीने बीत चुके हैं कर्मचारियों को अबतक वेतन भुगतान नहीं किया गया है।
इसके बाद पहुंचे सीएम दरबार
कर्मचारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में भी इसको लेकर शिकायत की और जल्द से जल्द वेतन भुगतान करने की मांग की है।
गोमतीनगर की है एजेंसी
सीएमओ ने जिस आशा सिक्योरिटी गार्ड एजेंसी से लार्वा छिड़काव के लिए कर्मचारी लिए थे, वे एजेंसी गोमतीनगर की है। संबंधित एजेंसी को तोमर नाम का ठेकेदार संचालित करता है। लेकिन, अभी तक इस मामले में ठेकेदार ने भी कर्मचारियों को उचित आश्वासन नहीं दिया है।
अक्सर कर रहे हैं प्रदर्शन
ठेके कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के कारण उनमें आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अक्सर ही वे लोग सीएमओ कार्यालय पहुंचकर विरोध जता रहे हैं। शुक्रवार को भी स्टाफ सीएमओ से मिलने पहुंचा, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई।
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