लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में ताबड़तोड़ मौतों से हड़कंप, लेकिन इसलिए जांच नहीं करा रहे लोग

ग्रामीणों का दावा है कि ये मौतें पंचायत चुनाव के दौरान फैली कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई हैं।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Dharmendra Singh
Published on: 16 May 2021 10:07 PM IST
Coronavirus
X

कोरोना मरीज का दाह संस्कार (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

लखनऊः राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब की करीब आधा दर्जन ग्रामसभाओं कुम्हरावां, पहाड़पुर, शुक्लनपुरवा, अरदमपुर और इंदारा आदि में पिछले एक महीने से कोरोना जैसे लक्षणों से ताबड़तोड़ मौतें होने से कोहराम मचा हुआ है। ग्रामीणों का दावा है कि ये मौतें पंचायत चुनाव के दौरान फैली कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई हैं। जिसमें पिछले एक महीने के दौरान लगभग 50 लोगों की मौत होने का दावा किया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस दौरान हर दिन दो से तीन लोगों की इस क्षेत्र में मौत हुई है।

कुछ पढ़े लिखे ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इन ग्रामसभाओं में चिकित्सा सुविधाएं न के बराबर होने के कारण और सामाजिक बहिष्कार किये जाने के डर से ग्रामीण कोरोना जैसे लक्षण प्रकट होने पर भी इसे छिपाने की कोशिश करते हैं। उन्हें भय होता है कि कोरोना के लक्षण की बात बताने पर या जांच कराकर कोरोना की पुष्टि होने पर उन्हें और उनके परिवार से लोग बात करना बंद कर देंगे। जिसके चलते वह छिपाते हैं और संक्रमण फैलता है। इन हालात में ज्यादातर मौतें उम्र दराज लोगों की होने की बात कही जा रही है और इसे अधिक उम्र के चलते बीमारी से मौत होना बताया जा रहा है।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि लखनऊ में तमाम लोग इन गांवों के हैं जो नौकरी के चलते शहर में रह रहे हैं। लेकिन कोरोना काल में संक्रमित होने के बाद जब उनकी मृत्यु हुई और लखनऊ में श्मशान घाटों में जगह नहीं मिल पाई पाई तो तमाम लोगों के शवों को लाकर उनके खेतों में अंतिम संस्कार किया गया। अब गांव में जिनके यहां मौतें हुईं उनके यहां से लोगों ने दूरी बना ली। गांव के परिवेश में यह बातें लोगों को चुभती हैं।
कुम्हरावां ग्राम सभा के रमपुरवा, चतुरपुर, कन्हईपुर, कलाखर, रघुनाथपुर, बेनीपुर, कुम्हरावां बाजार आदि में तमाम लोगों में कोरोना संक्रमण के लक्षण प्रकट हुए जिसमें काफी लोग ठीक भी हो गए। ग्राम प्रधान रविंदर मिश्रा ने अपनी ग्राम सभा में छिड़काव, फागिंग और टैकंर से छिड़काव कराया। इसी तरह परसहिया पंचायत में भी फागिंग के बाद से कोई मामला नहीं आया है। इसी तरह कुम्हरावां के प्रधान अमित वाजपेयी लगातार अपने क्षेत्र में फागिंग करा रहे हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि लोगों में जागरुकता आई है। किसी के यहां मौत हो जाने पर उस घर के आसपास छिड़काव कराया जाता है। ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा का काफी अभाव है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुम्हरावां में अधिकांश समय डॉक्टर की उपस्थिति न के बराबर रहती है। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीएचसी बख्शीका तालाब और इटौंजा में है। इसी तरह इंदारा गांव में भी काफी मौतें कोरोना जैसे लक्षणों से होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन रैंडम टेस्टिंग के लिए कोई मेडिकल टीम इन गांवों में नहीं आई है न ही टीकाकरण का कार्यक्रम चल रहा है।


Dharmendra Singh

Dharmendra Singh

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!