TRENDING TAGS :
Lucknow News: 15 साल से इंतज़ार और फिर मिला झटका! अंसल ग्रुप पर दो और ठगी की FIR दर्ज, महिलाओं से करीब 25 लाख की धोखाधड़ी
Lucknow News: अंसल API ग्रुप के खिलाफ लखनऊ और प्रयागराज की दो महिलाओं ने ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। 15 साल से प्लॉट के नाम पर 25 लाख रुपये लिए गए लेकिन न प्लॉट मिला, न रजिस्ट्री। निदेशक प्रणव अंसल समेत अन्य पर एफआईआर दर्ज।
Ansal API Faces Fresh FIR for Rs 25 Lakh Fraud in Plot Scam, Director Pranav Ansal Named
सपनों के घर का सपना, 24.77 लाख का महिलाओं ने किया निवेश
मिली जानकारी के अनुसार, प्रयागराज की अंजली श्रीवास्तव और लखनऊ की अर्चना शुक्ला ने 2010–2011 में अंसल API ग्रुप की टाउनशिप में प्लॉट बुक कराए थे। गोल्फ सिटी और अन्य प्रोजेक्ट में लग्ज़री प्लॉट का झांसा दिया गया था। दोनों महिलाओं ने कंपनी को मिलाकर कुल 24.77 लाख का भुगतान किया। उन्हें भरोसा था कि समय पर रजिस्ट्री और कब्जा मिलेगा लेकिन ये सिर्फ वादा रह गया।
विकास कार्य अधूरा... कब्जा गायब, जवाबों में सिर्फ बहाने
अंजली का प्लॉट पहले अविनाश खरे नामक व्यक्ति को आवंटित था, बाद में ट्रांसफर हुआ। लेकिन जब तक जमीन पर निर्माण होता, पता चला कि वह प्लॉट किसान पथ परियोजना में आ चुका है। अर्चना को भी न तो रजिस्ट्री मिली, न जमीन। बार-बार संपर्क के बाद भी कंपनी ने सिर्फ समय बर्बाद किया।
सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज हुई FIR, प्रणव अंसल को किया नामजद
थक हारकर दोनों महिलाओं ने लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में शिकायत दर्ज कराई। थाना प्रभारी उपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रणव अंसल और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ IPC की धारा 406 (अमानत में खयानत), 420 (धोखाधड़ी) समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ है। FIR में आरोप है कि जानबूझकर झूठा सपना दिखाकर रकम वसूली गई। आपको बता दें कि अंसल API ग्रुप पर पहले भी कब्जा न देने, प्लॉट बदलने, नक्शा पास न होने और RERA उल्लंघन जैसे गंभीर आरोपों में केस दर्ज हो चुके हैं। रियल एस्टेट सेक्टर में लंबे समय से यह ग्रुप विवादों में रहा है। कई निवेशक अब भी न्याय के लिए भटक रहे हैं।
प्रोजेक्ट की जमीन विवादित, किसानों की भूमि अधिग्रहण का पेंच
अंसल API के अधिकारियों के अनुसार, जिस जमीन पर टाउनशिप का वादा किया गया था, वह कई हिस्सों में विवादित रही। कुछ जमीनों पर अधिग्रहण और मुआवज़े के मामले लंबित हैं। यही कारण है कि निवेशकों को 10-15 साल बाद भी कब्जा नहीं दिया जा सका। पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों से पूछताछ कर आगे की विधिक कार्यवाही की जाएगी। पीड़ितों को उम्मीद है कि अब न्याय मिलेगा। वहीं, रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करने वालों को यह केस एक बड़ी चेतावनी है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!