लखनऊ में 'Almond Board of California' ने आयोजित किया खास कार्यक्रम, स्वस्थ जीवनशैली पर हुई चर्चा

लखनऊ में कैलिफ़ोर्निया बादाम बोर्ड के कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि आयुर्वेदिक दिनचर्या और सुबह भीगे बादाम का सेवन ऊर्जा, फोकस और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

Ashutosh Tripathi
Published on: 18 Sept 2025 12:12 AM IST
लखनऊ में Almond Board of California ने आयोजित किया खास कार्यक्रम, स्वस्थ जीवनशैली पर हुई चर्चा
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Lucknow News: लखनऊ में आयोजित एक खास कार्यक्रम ने सुबह की दिनचर्या और स्वस्थ जीवनशैली को लेकर नई सोच को सामने रखा। बुधवार को Almond Board of California द्वारा 'द रेनिसां' होटल में आयोजित इस चर्चा का मकसद था कि लोगों को यह बताना कि कैसे प्राचीन आयुर्वेदिक प्रथाओं को अपनाकर और बादाम को रोज़ाना आहार में शामिल कर हम अपनी सुबहों को और अधिक ऊर्जावान, संतुलित और उद्देश्यपूर्ण बना सकते हैं। पैनल चर्चा में शामिल विशेषज्ञों ने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त में उठने से लेकर भीगे बादाम खाने तक, ये आदतें शरीर और मन दोनों को स्थिर करती हैं। पोषण विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि बादाम न सिर्फ स्वादिष्ट हैं बल्कि लंबे समय तक ऊर्जा और फोकस बनाए रखने का भी प्राकृतिक साधन हैं।

आयुर्वेद का विज्ञान और सुबह की शक्ति

आयुर्वेद में सुबह का समय यानी दिनचर्या पूरे दिन की ऊर्जा और सोच को निर्धारित करने वाला माना जाता है। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. मधुमिता कृष्णन ने कार्यक्रम में कहा कि ब्रह्म मुहूर्त में उठना, योग, प्राणायाम, गुनगुना पानी पीना और बादाम खाना, ये सब साधारण लगने वाली आदतें शरीर को दोषों से मुक्त करने, त्वचा की चमक बढ़ाने और मानसिक स्पष्टता देने में अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने बताया कि बादाम प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों 'आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी' सभी में त्वचा की सेहत और प्राकृतिक ऊर्जा का स्रोत बताए गए हैं। आज की तेज रफ्तार जिंदगी में ये छोटे-छोटे अभ्यास जीवन को संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं।

पोषण और आधुनिक जीवनशैली में बादाम का महत्व

पैनल चर्चा में ऋतिका समद्दार, रीजनल हेड डायटेटिक्स, मैक्स हेल्थकेयर, दिल्ली ने कहा कि सुबह का भोजन सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि दिनभर की स्थिर ऊर्जा के लिए जरूरी है। बादाम लगभग 15 पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिनमें प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट्स, मैग्नीशियम और ज़िंक शामिल हैं। यह भूख को नियंत्रित करने और लंबे समय तक पेट भरा महसूस कराने में मदद करते हैं। ऋतिका ने बताया कि भारतीय आहार दिशानिर्देश भी रोज़ाना मेवों के सेवन पर जोर देते हैं। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि ओट्स, दलिया या स्मूदी में बादाम को शामिल करके आसानी से नाश्ते को पोषक बनाया जा सकता है।

परंपरा और आधुनिकता का मेल: रोशनी चोपड़ा का अनुभव

लोकप्रिय टेलीविज़न अभिनेत्री रोशनी चोपड़ा ने साझा किया कि बचपन से उनकी मां उन्हें रोज़ाना भीगे हुए बादाम खिलाती थीं और अब वे यह परंपरा अपने बेटे के साथ भी निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि चाहे व्यस्त शूटिंग शेड्यूल हो या लंबा दिन, बादाम हमेशा उनके लिए ऊर्जा और फोकस का सहारा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सुबह का समय सकारात्मक सोच और लक्ष्य निर्धारित करने का सबसे अच्छा वक्त होता है और आयुर्वेदिक आदतें इसे और प्रभावी बना देती हैं। उनके अनुभव ने यह साबित किया कि कैसे एक साधारण आहारिक आदत पीढ़ियों तक स्वास्थ्य और जीवनशैली पर असर डाल सकती है।

छोटे कदम, बड़ा बदलाव

कार्यक्रम का मुख्य संदेश यही रहा कि प्राचीन परंपराओं और आधुनिक विज्ञान को मिलाकर बेहतर स्वास्थ्य पाया जा सकता है। एक साधारण अभ्यास जैसे सुबह भीगे बादाम खाना आदि लंबे समय तक मानसिक एकाग्रता, ऊर्जा और शरीर में संतुलन बनाए रखने का आधार हो सकता है। पैनल ने बताया कि आयुर्वेद केवल परंपरा नहीं बल्कि वैज्ञानिक पद्धति है, जो आज की जीवनशैली में भी प्रासंगिक है। कैलिफ़ोर्निया के बादाम बोर्ड द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम इस संदेश को और मजबूत करता है कि यदि हम अपनी सुबह सही तरीके से शुरू करें, तो पूरा दिन संतुलित और ऊर्जावान गुजर सकता है।

Hemendra Tripathi

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