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Lucknow: पांचवे विन्ध्य इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल का हुआ भव्य शुभारंभ, शामिल हुए दुनिया भर के फ़िल्म निर्देशक
Lucknow News: महोत्सव की पहली फ़िल्म केतकी पांडेय द्वारा निर्देशित और आकाश दाहिया व इस्तियाक़ ख़ान द्वारा अभिनीत फ़िल्म दी लास्ट मील थी, जिसमें फ़िल्म के विषय और अभिनय ने दर्शकों को रोने पर मजबूर कर दिया।
Lucknow News (Pic:Newstrack)
Lucknow News: शहीद भगत सिंह द्वारा जेल में बिताये गये अंतिम समय, उनके साथ ब्रितानी हुकूमत द्वारा किये गये अत्याचार तथा जेल के कर्मचारी बोधा के साथ भगत सिंह के रिश्तों पर आधारित फ़िल्म को देखकर दर्शकों की आँखें गिली हो गई। हाल में कुछ सिसकियाँ भी सुनी जा सकती थी। पांचवे विन्ध्य इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल की यह पहली फ़िल्म थी।
महोत्सव की पहली फ़िल्म केतकी पांडेय द्वारा निर्देशित और आकाश दाहिया व इस्तियाक़ ख़ान द्वारा अभिनीत फ़िल्म दी लास्ट मील थी, जिसमें फ़िल्म के विषय और अभिनय ने दर्शकों को रोने पर मजबूर कर दिया।
बोधा भगत सिंह के लिए उनकी पसंद का भोजन ले जाता है किंतु अंतिम भोजन से पहले भगत सिंह की फांसी हो जाती है और बोधा वह भोजन नही करा पाता। इसी कहानी पर आधारित फिल्म द लास्ट मील दर्शकों को भावुक करती है तथा भगत सिंह के अंतिम संदेश साम्राज्यवाद मुर्दाबाद इंकलाब जिंदाबाद के साथ फिल्म का समापन होता है।
महोत्सव की दूसरी फ़िल्म न्यूयार्क सिटी से सीधी पधारी हेजेल गुरलैंड पूलर की फ़ीचर डॉक्युमेंट्री स्टॉर्मिंग सीज़र पैलेस थी। उसके बाद निर्देशिका ने दर्शकों से संवाद भी किया। उसके उपरांत अलग-अलग भाषाओं और देशों की लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। सारी फ़िल्मों की स्क्रीनिंग भोपाल से आये संदीप कुमार चौरेद्वारा की गयी।
वैष्णवी गार्डन सीधी में विंध्य के बहुचर्चित विंध्य अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव का भव्य उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। उद्घाटन सत्र में पद्म बाबूलाल दाहिया, मनोज सिंह, आलोक परोड़कर , कुंजेश परिहार के साथ आयोजक इंजी आर बी सिंह, डॉ अनूप मिश्र, विवेक सिंह चौहान और शिवशंकर मिश्र सरस उपस्थित थे।
इसके बाद महोत्सव के निदेशक प्रवीण सिंह और आयोजक माण्डल ने विदेश और भारत से आये सभी फ़िल्मकारों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। यू सी एन मास पब्लिक स्कूल के बाल कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गीतों के साथ फ़िल्म महोत्सव का आग़ाज़ हुआ। जिसने दर्शकों सहित सभी आतिथियों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
उसके पश्चात अतिथियों द्वारा संबोधन दिया गया। सभी ने फ़िल्म महोत्सव और उसके भावी स्वरूप पर बात की, साथ ही पाँचवें संस्करण हेतु अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की। महोत्सव में मध्य प्रदेश टूरिज़्म के सहयोग द्वारा टेराकोटा और हस्तशिल्प की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया। ये प्रदर्शनी सात जनवरी तक सभी के लिये खुली रहेगी, जहाँ से लोग उसे देख और ख़रीद सकते हैं।
महोत्सव के संयोजक नीरज कुंदेर ने बताया कि पहले दिन न्यूयार्क से हेज़ल, जैकब और लिली, स्वीडन से एना, यूएस से रिचर्ड सिल्बर, बंगलौर से गौरी श्रीनिवास, मुंबई से राघव परमार, मध्य प्रदेश से राहुल पांडेय, सागर दास के साथ साथ सीधी के आस-पास के जिलों से भी काफी संख्या में लोग पहले दिन उपस्थित रहे।
बारिश और कोहरे की वजह से ट्रेन 8-10 घंटे देरी से चल रही हैं और कुछ फ्लाइट भी रद्द हो गयी हैं,जिसकी वजह से कुछ फ़िल्म निर्माता पहले दिन नहीं आ पाये हैं। महोत्सव के दूसरे दिन और भी बेहतरीन फ़िल्में देखने को मिलेंगी।
पहले दिन ये फ़िल्में दिखाई गयी
- द लास्ट मील, भारत, केतकी पांडेय
- स्ट्रोमिंग सीज़र पैलेस, अमरीका, हैजल गुरलैंड पूलर
- मोंबई, भारत, सौमित्र सिंह
- ए नाइट इन ए पार्क, बांग्लादेश सहादत सागोर
- कैनवास , भारत, संजय चंद्रशेखरन
- द हिंदू ब्वाय, भारत, शाहनवाज बकल
- बिग सोशल नोमैड, स्वीडन, अन्ना बोहलमार्क
- ऑटरे ,भारत ,कनुप्रिया गुप्ता
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