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Lucknow News: लैब से लेकर मोहल्लों तक: वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्वच्छता का नेतृत्व कर रहा है बीएसआईपी
Lucknow News: इस व्यापक जन-जागरूकता अभियान के माध्यम से नागरिकों को न केवल स्वच्छ पर्यावरण के प्रति अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारियों का बोध कराया गया, बल्कि स्वच्छता को वैज्ञानिक और तार्किक सोच के साथ जोड़ने का भी संदेश दिया गया।
Lucknow News: बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (बीएसआईपी) के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने अपने वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत प्रयोगशालाओं से बाहर निकलकर लखनऊ की जनता के साथ मिलकर स्वच्छता, साफ-सफाई और वैज्ञानिक सोच के संदेश को गली-मोहल्ले तक पहुँचाया। इस अभियान में केवल सामाजिक स्वच्छता ही नहीं, बल्कि शरीर और मन की आंतरिक स्वच्छता पर भी बल दिया गया, ताकि व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की दिशा में प्रेरित हो।इस व्यापक जन-जागरूकता अभियान के माध्यम से नागरिकों को न केवल स्वच्छ पर्यावरण के प्रति अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारियों का बोध कराया गया, बल्कि स्वच्छता को वैज्ञानिक और तार्किक सोच के साथ जोड़ने का भी संदेश दिया गया।
स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन 1 से 15 मई, 2025 तक बीएसआईपी परिसर एवं शहर के विभिन्न भागों में भारत सरकार के स्वच्छता मिशन के अंतर्गत किया गया। इस पखवाड़े की शुरुआत 1 मई को संस्थान में स्वच्छता शपथ के साथ हुई। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो. महेश जी. ठक्कर ने अपने संबोधन में कहा कि स्वच्छ भारत की कल्पना तब ही साकार हो सकती है जब हर नागरिक अपने घर और आस-पड़ोस से स्वच्छता की शुरुआत करे।
2 मई को बीएसआईपी की टीम ने लखनऊ के बख्शी का तालाब स्थित भीखमपुर के एक प्राथमिक विद्यालय में एक विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। बच्चों के लिए स्वच्छता विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता रखी गई। सभी प्रतिभागियों को स्टेशनरी, रिफ्रेशमेंट तथा पर्यावरण-अनुकूल स्टील की बोतलें उपहार स्वरूप दी गईं ताकि प्लास्टिक जैसे गैर-बायोडिग्रेडेबल पदार्थों के उपयोग से बचने का संदेश दिया जा सके। वैज्ञानिकों ने बच्चों के साथ संवाद करते हुए व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वच्छ पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डाला। विजेताओं को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, जबकि अन्य बच्चों को उत्साहवर्धन हेतु पुरस्कार दिए गए। विद्यालय में दो पौधे लगाकर पर्यावरण सरंक्षण का संदेश भी दिया गया।
5 मई को बीएसआईपी परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया गया। 6 मई को "स्वच्छ भारत मिशन" विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें वैज्ञानिकों और शोधार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। 8 मई को कैंटीन क्षेत्र और भू-रसायन प्रयोगशालाओं की विशेष सफाई की गई।
9 मई को संस्थान की छत पर भी सफाई अभियान चलाया गया। 13 मई को टीम ने लखनऊ के हनुमान सेतु के निकट गोमती नदी तट पर एक विशाल स्वच्छता अभियान चलाया। इस दौरान विशेष रूप से प्लास्टिक अपशिष्ट को हटाकर प्राकृतिक सौंदर्य को पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया गया। 14 मई को संस्थान परिसर में वृक्षारोपण अभियान आयोजित किया गया। इसी दिन आशियाना स्थित रिक्शा कॉलोनी में एक और आउटरीच कार्यक्रम के तहत बीएसआईपी टीम ने झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्र की महिलाओं को स्वच्छता किट वितरित कीं। इस अवसर पर बीएसआईपी की महिला वैज्ञानिकों ने कॉलोनी का दौरा कर महिलाओं से संवाद किया और मासिक धर्म से जुड़ी पुरानी रूढ़ियों को त्यागने और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया। स्वच्छता पखवाड़े के दौरान तंबाकू और पान मसाले खाकर थूकने से लखनऊ की सड़कों और दीवारों पर बनती लाल धब्बों की समस्या को भी प्रमुखता से उठाया गया। नागरिकों से आग्रह किया गया कि वे सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज़ करें और सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग कर स्वच्छता के प्रति जागरूकता दिखाएं। 15 मई को समापन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संस्थान के सफाई कर्मचारियों को भी मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया और उनके अथक परिश्रम एवं संस्थान में स्वच्छता बनाए रखने में उनके योगदान को नमन किया गया।
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