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Lucknow News: लखनऊ के ग्रामीण इलाकों में घूम रहा तेंदुआ, आहट से लोगों की उड़ी नींद

Lucknow News: बुधवार को रहमान खेड़ा के किनारे से गुजरे बेहता नाले के किनारे 5 जगहों पर पग चिन्हों के आधार पर ट्रैप कैमरे लगाए। वहीं, रहमान खेड़ा समेत आसपास के आधा दर्जन से ज्यादा गांवों में करीब एक सप्ताह से लोग दहशत में हैं।

Santosh Tiwari
Published on: 12 Dec 2024 10:38 PM IST
Lucknow News ( Pic- Newstrack)
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Lucknow News ( Pic- Newstrack)

Lucknow News: ग्रामीण इलाकों में जंगली जानवरों के आने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला काकोरी के रहमान खेड़ा के जंगलों का है। जहां तेंदुए की आहट से लोग दहशत में हैं। ग्रामीणों ने उसकी डराने वाली आवाज भी भी सुनी। बुधवार को पुलिस के साथ वन विभाग की टीम पिंजरा लेकर रहमान खेड़ा पहुंची। हालांकि उतारते समय यह टूट गया। इसके बाद दूसरा पिंजरा लगाया गया। गुरुवार को भी दिनभर टीमें तलाश में लगी रही लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

लगातार मिल रहे हैं पग चिन्ह

बीते 3 दिसंबर को रहमान खेड़ा के खेतों में हिंसक जानवर के पग चिन्ह मिलने के बाद करझन गांव के 3 खेतों में भी मंगलवार को वन विभाग की टीम को नए पग चिह्न मिले थे। वन विभाग की टीम ने बुधवार को रहमान खेड़ा के किनारे से गुजरे बेहता नाले के किनारे 5 जगहों पर पग चिन्हों के आधार पर ट्रैप कैमरे लगाए। वहीं, रहमान खेड़ा समेत आसपास के आधा दर्जन से ज्यादा गांवों में करीब एक सप्ताह से लोग दहशत में हैं। काकोरी के रहमान खेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में खेतों में काम कर रहे मजदूरों ने बाघ के दहाड़ने की आवाज सुनी थी। इससे कई मजदूर भाग खड़े हुए थे। वहीं संस्थान के डायरेक्टर ने मजदूरों व संविदा कर्मियों को छुट्टी दे दी थी। क्षेत्रीय वनाधिकारी दुबग्गा सोनम दीक्षित ने बताया कि बुधवार सुबह वन कर्मियों के साथ रहमान खेड़ा स्थित केंद्रीय उपोषण बागवानी संस्थान में पिंजरा लेकर गए थे। गाड़ी से नीचे उतारते ही पिंजरा टूट गया। इसे मरम्मत के लिए वापस भेज दिया गया। दूसरा पिंजरा कुकरैल से मंगाकर रहमानखेड़ा जंगल में लगवा दिया गया है।

हिंसक जानवर के पगचिन्ह की पुष्टि

पगचिन्हों की जांच में कई जगह हिंसक जानवर के पगचिह्न पाए गए। वन विभाग की टीम ने 3 किलोमीटर तक बेहता नाला किनारे कांबिंग की है। इसमें पाया गया कि नाले किनारे कई जगह पगचिह्न दिखाई पड़े हैं। अभी तक मंडौली, रहमानखेड़ा और बीते मंगलवार को करझन गांव में मिले पगचिन्हों की जांच में पंजों के निशान तेंदुआ या फिशिंग कैट पाया गया है। रेंजर ने बताया बाघ या फिशिंग कैट होने का दावा किया गया है। ग्रामीणों ने खेतों में चहलकदमी करते हुए हिंसक जानवर का वीडियो बनाया। क्षेत्रीय रेंज की टीम के साथ साथ स्पेशल टास्क फोर्स को भी जंगल मे कॉम्बिंग करने के लिए लगाया गया है।

खेतों की ओर जाने से कतरा रहे ग्रामीण

काकोरी के करझन गांव के रहने वाले राजू ने बताया कि बुधवार की सुबह वह खेत की ओर शौच के लिए गए थे। इस दौरान गांव के एक खेत में एक जंगली जानवर घूमता मिला। अकेले होने की वजह से वह काफी डर गए। बाद में कुछ हिम्मत जुटाकर उन्होंने मोबाइल से जानवर का वीडियो बना लिया। इसके बाद वह चुपचाप वहां से निकलकर गांव पहुंचे। ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद ग्रामीण हाथ में लाठी-डंडे लेकर खेत की ओर पहुंचे और जानवर की काफी तलाश की लेकिन जानवर कहीं नजर नहीं आया। ग्रामीण अपने बाग और खेतों की ओर जाने से कतराने लगे हैं। रेंजर ने बताया कि वीडियो में नजर आ रहा जानवर तेंदुए जैसा प्रतीत हो रहा है।



Shalini Rai

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