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Ayurvedic Hospital: एटेंडेंस न भेजने पर अधिकारी निलंबित, आयुष विभाग ने की बड़ी कार्यवाही
Ayurvedic Hospital: विभाग की ओर से आयुष चिकित्सकों व फार्मासिस्ट इंचार्ज की चिकित्सालयों में उपस्थिति के लिए आयुष अटेंडेंस एप डाउनलोड करने के निर्देश दिये गये थे। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, सचिवालय के चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश कुमार वर्मा को आदेश न मानने के कारण निलंबित कर दिया गया है। उनकी आगे की जांच आयुर्वेद निदेशालय स्तर से की जाएगी।
Government Ayurvedic Hospital (Pic:Newstrack)
Ayurvedic Hospital: आयुष विभाग के तहत राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल, सचिवालय के चिकित्साधिकारी को एक बड़ी कार्यवाही में निलंबित कर दिया गया। चिकित्साधिकारी को ऐप पर एटेंडेंस न दर्ज करने की वजह से निलंबित किया गया है। विभाग की ओर से आयुष चिकित्सकों व फार्मासिस्ट इंचार्ज की चिकित्सालयों में उपस्थिति के लिए आयुष अटेंडेंस एप डाउनलोड करने के निर्देश दिये गये थे। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, सचिवालय के चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश कुमार वर्मा को आदेश न मानने के कारण निलंबित कर दिया गया है। उनकी आगे की जांच आयुर्वेद निदेशालय स्तर से की जाएगी। डॉ. दिनेश कुमार वर्मा को विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। डॉ. दिनेश पर आरोप है कि आयुष अटेंडेंट एप से वह उपस्थिति नहीं भेजते थे।
मामले की जांच करेंगे आयुर्वेद निदेशक
डॉ. दिनेश कुमार वर्मा के निलंबन आदेश के अनुसार निलंबन की अवधि में डॉ. वर्मा टूड़ियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज व महाविद्यालय में संबद्ध रहेंगे। इसके अलावा डॉ. दिनेश के खिलाफ अनुशासनहीनता के हिसाब से कार्यवाही होगी। उन पर लगे आरोपों की जांच के लिए आयुर्वेद निदेशक डॉ. पीसी सक्सेना को जांच अधिकारी बनाया गया है।
दूसरों को भी उकसाने का है आरोप
डॉ. दिनेश कुमार वर्मा पर स्टाफ व अफसरों से अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप है। इसके साथ दूसरे डॉक्टरों और कर्मचारियों को आयुष एप डाउनलोड न करने और उपस्थिति न भेजने के लिए उकसाने के गंभीर आरोप है। उन पर कार्यवाहक क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, लखनऊ के खिलाफ शिकायत कर आरोप लगाने समेत कई शिकायतें व आरोप हैं।
कार्यवाही के बाद सतर्क हुए कर्मचारी
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी लखनऊ डॉ. राजकुमार यादव ने सभी को आयुष ऐप इंस्टाल करने को कहा है। साथ ही उन्होंने सभी कर्मचारियों और डॉक्टरों से कहा कि आयुष ऐप के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं। अगर कर्मचारियों ने ऐसा नहीं किया तो उन पर भी गंभीर कार्यवाही की जा सकती है।
मरीज को नहीं मिला वेंटिलेटर, चली गई जान
लखनऊ स्थित ट्रॉमा सेंटर में वेंटीलेटर न मिलने की वजह से बुधवार को एक मरीज की जान चली गयी। मरीज के घरवाले पूरे अस्पताल में वेंटिलेटर की तलाश में भागते दौड़ते रहे लेकिन मरीज की जान नहीं बचा सके। मरीज के परिवार वाले ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों के सामने वेंटिलेटर के मांग करते रहे। बलरामपुर जिले के रहने वाले 55 साल के बब्बू दो दिन पहले एक हादसे में जख्मी हो गए थे। उनके घरवाले पहले उन्हें पास के ही एक अस्पताल में ले गए। लेकिन स्थानीय अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज की हालत गंभीर बताते हुए उन्हें ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। मरीज को लेकर घरवाले बुधवार को सुबह ट्रामा सेंटर पहंचे थे। घरवालों ने मरीज की पैथोलॉजी समेत रेडियोलॉजी की जांचें कराई। सीटी स्कैन मरीज के में खून का थक्का जमा होने की पुष्टि हुई। तब तक मरीज की हालत और गंभीर होती चली गई। डॉक्टरों ने मरीज को एम्बुबैग के सहारे सहारे भी रखा लेकिन उसकी जान न बच सकी।
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