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Farrukhabad News : फर्रुखाबाद के राजेपुर सरायमेदा गांव में बुखार की चपेट में आने से 13 लोगों की मौत 500 बीमार

Farrukhabad News : फर्रुखाबाद में बुखार से कई लोग बीमार पड़ गए हैं। इस बुखार की चपेट में आने से 13 लोगों की मौत हो चुकी है।

Dilip Katiyar
Report Dilip KatiyarPublished By Shraddha
Published on: 21 Sept 2021 10:57 AM IST
राजेपुर सरायमेदा गांव में बुखार की चपेट में लोग
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राजेपुर सरायमेदा गांव में बुखार की चपेट में लोग 

Farrukhabad News : फर्रुखाबाद के ग्राम राजेपुर सरायमेदा में बुखार (Fever) की चपेट में आने से गांव के कई लोग बीमार पड़ गए हैं। पिछले 7 दिनों में बुखार की चपेट में आने से बच्चे समेत 13 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां ग्रामीण झोलाछाप और निजी अस्पताल (Private Hospital) पर भरोसा कर रहे हैं। गाँवो में घरो के आगे गंदगी के अम्बार लगे हुए हैं। सफाई कर्मचारी गाँवो में सफाई करने नहीं जा रहे हैं। बुखार का कहर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। रविवार को बुखार के चलते 11 वर्षीय बालिका की मौत हो गई। करीब 2 सैकड़ा लोग बाहर अस्पतालों में भर्ती हैं।

गांव राजेपुर सरायमेदा में बुखार की चपेट में आने में लगातार मौतों से लोग परेशान नजर आ रहे हैं। यहां 70 वर्षीय मिज्जन खां तथा 39 वर्षीय अफरोज बेगम की बुखार के चलते मौत हो गई थी। गांव के हालात यह हैं कि यहां हर घर में एक या दो लोग बुखार से पीड़ित हैं। चार दिन पूर्व गांव में 65 वर्षीय इतवारीलाल, 65 वर्षीय गिल्ली खां व 22 वर्षीय हिना की मौत बुखार से हो गई थी। गांव में चंदू खान की 13 वर्षीय पुत्री माविया की बुखार से मौत हो गई। 10 हजार से अधिक आबादी वाले राजेपुर सरायमेदा में गांव के मोहल्ले में तेज बुखार से पिछले पांच दिनों में बुखार की चपेट में आने से बच्चे समेत 13 लोगों की मौत हो गई है। गांव में 500 से अधिक लोग विचित्र बुखार की चपेट में हैं। इससे गांव में दहशत है घर-घर बीमारी का प्रकोप है।


इलाके में लगा गंदगी का अम्बार


ग्रामीणों का कहना है कि पहले कोरोना से गांव में कई लोगों की मौतें हुई थी, अब बुखार से गांव के लोग परेशान नजर आ रहे हैं। गांव में स्वास्थ विभाग कैम्प के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है। दवा के नाम पर केवल पेरासिटामोल और एंटीबायोटिक दे रहे है। गांव वालों का कहना है कि जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है यहां पर मरीजों के सैंपल लिए जाते हैं और उन्हें नेगेटिव घोषित कर दिया जाता है।

वहीं पीड़ित बीमार लोग जब प्राइवेट अस्पताल में सैंपल देते हैं उन्हें डेंगू और टाइफाइड मलेरिया जैसे बीमारियां बता दी जाती हैं। अब कौन सही है कौन गलत यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन स्वास्थ्य विभाग केवल खानापूर्ति कर रहा है। स्वास्थ विभाग के अधिकारी आए और ग्रामीणों से कहा कि घरों के अलावा आसपास भी साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। जिससे बीमारी पर अंकुश लगाया जा सके। झोलाछाप से किसी भी कीमत पर दवा न लें। जरा सी दिक्कत होने पर सीधे अस्पताल जाकर जांच कराएं और दवा लें।

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