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Mahoba News: वन भूमि पर फर्जी फसल बीमा का खुलासा, पांच पर मुकदमा, सैकडों संदिग्ध जांच में
Mahoba News: जैतपुर रेंज में 150 बीघा जंगल पर बीमा, वन विभाग ने पांच पर केस दर्ज कर शुरू की जांच
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Mahoba News: महोबा जिले में फर्जीवाड़े का ऐसा खेल सामने आया है जिसने प्रशासन और वन विभाग को भी सकते में डाल दिया है। अब तक सरकारी भूमि, नाला, तालाब और नदी को निजी खेत बताकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सेंध लगाने के बाद शातिर जालसाजों ने अब वन विभाग की जमीन को भी खेती दिखाकर बीमा करा लिया है। लगभग डेढ़ सौ बीघा से अधिक वन भूमि को दिखाकर कृषि बीमा कराने वाले पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज कर किया गया जबकि पांच सैकड़ा से अधिक बीमा कराने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की सूची पर वन विभाग जांच कर रहा है।
यह मामला खासकर कुलपहाड़ तहसील के अंतर्गत आने वाले जैतपुर वन रेंज का है, जहां अलग-अलग बीटों में करीब डेढ़ सौ बीघा जंगल को कागजों पर निजी खेत दिखाकर बीमा करा लिया गया। वन विभाग की तहरीर पर पांच लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।जिला प्रभागीय वनाधिकारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि जैतपुर वन रेंज की थूरट बीट और जैतपुर बीट में फर्जी तरीके से बीमा कराने की शिकायत मिली थी।
जांच में सामने आया कि गाटा संख्या 518, 157, 158, 160घ और 175य पर खेती दिखाकर बीमा कराया गया, जबकि हकीकत में ये सभी जमीनें वन विभाग की हैं। इस पर बीट प्रभारी मलखान की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।वन विभाग ने साफ किया है कि इन जमीनों पर न तो किसी का कब्जा है और न ही यहां कोई फसल बोई गई है। आरोपियों ने सिर्फ गाटा संख्या का फर्जी इस्तेमाल कर वन भूमि को निजी खेत बताकर बीमा कराया। डीएम के निर्देश पर गठित टीमों ने जांच शुरू कर दी है। इसी क्रम में कुलपहाड़ तहसील के एसडीएम ने पांच सौ से अधिक संदिग्ध लोगों की सूची वन विभाग को सौंपी है। इस सूची में दर्ज गाटा संख्याओं का मिलान अब वन भूमि से कराया जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि और कितने लोग इस गोरखधंधे में शामिल हैं।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जांच का दायरा जैतपुर के साथ अजनर और पनवाड़ी वन रेंज तक बढ़ा दिया गया है। फर्जीवाड़े का यह तरीका सामने आने के बाद माना जा रहा है कि फसल बीमा योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में वन भूमि का उपयोग कर शातिरों द्वारा किया गया यह खेल जिले में भ्रष्टाचार और जालसाजी की एक नई परत खोलता है।
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