अपराधियों को राजनैतिक पेंशन देने पर हाईकोर्ट गंभीरः मांगा हलफनामा

Rishi
Published on: 1 Nov 2018 7:50 PM IST
अपराधियों को राजनैतिक पेंशन देने पर हाईकोर्ट गंभीरः मांगा हलफनामा
X

प्रयागराज : गंभीर आपराधिक केसों में सजा पा चुके लोगों को राजनैतिक पेंशन देने के मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को सरकारी खजाने से राजनैतिक पेंशन देने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने डीएम को जांच कर अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने को कहा है।

कोर्ट का कहना था कि गंभीर आपराधिक केसों में सजायाफ्ता लोगों को लोकतंत्र सेनानी अथवा अन्य राजनीतिक पेंशन देना उचित न होगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति ए.पी.शाही व न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खण्डपीठ ने पीलीभीत के अशोक कुमार समसा व 21 अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिया है।

ये भी देखें : MP इलेक्शन: BJP के महाभारत में ‘धृतराष्ट्र’ बने नेता, पार्टी की मुसीबतें बढ़ी

ये भी देखें : तीसरे मोर्चे के लिए मुलाकातों का दौर तेज: राहुल,शरद -अब्दुल्ला से मिले चंद्रबाबू

ये भी देखें :जानिए इस मुख्यमंत्री ने क्यों कहा- सिलेंडर न मिले तो डीसी-विधायक के घर से उठा ले जाना

याची के अधिवक्ता का कहना था कि पीलीभीत में कई ऐसे लोगों को गलत तरीके से राजनैतिक पेंशन दिया जा रहा है जो गंभीर प्रकृति के आपराधिक केसों में सजा पा चुके है। कोर्ट ने ऐसे पेंशन पा रहे लोगों को भी नोटिस जारी कर उनसे जवाबी हलफनामा मांगा है तथा कहा है कि वे अपने हलफनामे में स्पष्ट करें कि उनके खिलाफ कितने केस हैं और किन-किन केसों में वे सजायाफ्ता हैं। अदालत ने डीएम पीलीभीत को भी छह सप्ताह में उनका व्यक्तित हलफनामा दायर करने को कहा है तथा यह निर्देश दिया है कि वह इस प्रकरण की जांच करने के बाद हलफनामा दाखिल करे। कोर्ट इस जनहित याचिका पर छह सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।

ये भी देखें : जिसे व्यापमं घोटाले में घेरा, उसे राहुल गांधी के सामने कांग्रेस में शामिल किया

ये भी पढ़ें

इंडियन गर्ल्स के प्रबंधक को राहत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शारीरिक उत्पीड़न और छेड़खानी के मामले में इण्डियन गल्र्स हाईस्कूल एण्ड इंटर कालेज के प्रबंधक सहदेव मुखर्जी को राहत देेते हुए इस मामले की मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में तलब की है। कोर्ट ने कहा है कि तब तक याची प्रबंधक की गिरफ्तारी नहीं की जाए। प्रबंधक सहदेव ने इस मामले में दर्ज प्राथमिकी को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

याचिका पर न्यायमूर्ति पंकज नकवी व न्यायमूर्ति महबूब अली की पीठ ने सुनवाई की। याची के अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का कहना था कि उस पर लगाये गये आरोप बेबुनियाद है।

याची ने स्कूल की कुछ शिक्षिकाओं की विलंब से आने की शिकायत जिला विद्यालय निरीक्षक से की थी। इनकी बायोमैट्रिक अटेंडेंस डीआईओएस को भेजे जाने के बाद शिक्षिकाएं उनके खिलाफ हो गयी और झूठे आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया। बताया गया कि घटना की मजिस्ट्रेटी जांच चल रही है, जो शीघ्र पूरी होने वाली है। कोर्ट ने कहा कि 19 नवम्बर तक जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में पेश की जाए। तब तक याची के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं की जायेगी।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!