सिर्फ वादे मिले, मंत्री-मुख्यमंत्री सब भूल चुके हैं शहीद के परिवार को

Rishi
Published on: 14 Jan 2018 9:00 PM IST
सिर्फ वादे मिले, मंत्री-मुख्यमंत्री सब भूल चुके हैं शहीद के परिवार को
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गोरखपुर : खुशनसीब होते हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मर कर भी वह लोग अमर शहीद हो जाते हैं। करता हूं सलाम ए वतन पर मिट जाने वाले, तेरी हर सांस के कर्जदार है हम। देशभक्ति की इसी भावना से ओतप्रोत होकर देश पर प्राण निछावर करने वाले गोरखपुर के लाल सीआरपीएफ सब इंस्पेक्टर 50 वर्षीय साहब शुक्ला की शहादत पर कही गई थी।

श्रीनगर के पंथा चौक पर 24 जून को सीआरपीएफ की रोड ओपनिंग पार्टी पर पाकिस्तानी लश्कर आतंकियों के हमले का जवाब देने के दौरान शहीद हुए गोरखपुर के साहब शुक्ला के हत्यारों को चंद घंटे बाद ही सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था। हमले के बाद आतंकी पास के ही श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर स्थित एक निजी स्कूल की इमारत में जा घुसे थे। सेना सीआरपीएफ और पुलिस ने उनकी घेराबंदी कर घर में करीब 3:30 बजे मोर्चा लेकर भीतर छुपे दोनों आतंकियों को भून दिया था।

25 जून को गोरखपुर शहीद के पार्थिव शरीर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ लाया गया, फिर अगली सुबह प्रदेश के सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के नेतृत्व में सम्मान के साथ उसने पैतृक गांव मझ्गावा ले जाया गया जहां शहीद को अंतिम विदाई दी गई। 12 दिनों तक कोई ना कोई नेता व अधिकारी शहीद के घर आश्वासन देने आता रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी परिवार से मिले वादा भी किया लेकिन अभीतक परिवार को कोई मदद नहीं मिल सकी है।

साहब शुक्ला की पत्नी शोभा कहती हैं शहीद होने के बाद तमाम लोग आए और सभी ने कुछ ना कुछ करने का आश्वासन ही दिया यहां के मौजूदा विधायक भी घर पर आए और उन्होंने इस कालोनी का नाम उनके नाम पर रखने को कहा था इस संबंध में खुद उनसे मिली लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ भी नही मिला। सीएम ने खुद कहा था कि जो भी सम्भव मदद होगी वो करेंगे लेकिन आज तक कुछ भी नही हुआ। हम सीएम को याद दिलाना चाहेंगे कि उन्होंने हमसे वादा किया वो अभी पूरा नहीं हुआ है।

शोभा ने कहा सेना में जो भी लोग हैं उनकी सेलरी बहुत कम है। इतने कम पैसे में एक फौजी अपने परिवार को अच्छे से भरण पोषण नही कर सकता।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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