Meerut: बुलडोजर कावंड़ को लेकर मेरठ से एक जत्था हुआ हरिद्वार के लिए रवाना

Meerut: बुलडोजर कावंड़ को लेकर मेरठ से एक जत्था हरिद्वार के लिए रवाना हुआ है। करीब एक सौ किलो वजन और 15 फीट ऊंची कांवड़ को बनाने में करीब एक महीना लगा है।

Sushil Kumar
Published on: 21 July 2022 9:25 PM IST
Meerut News In Hindi
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बुलडोजर कावंड़

Meerut: पिछले दो साल से कोविड की वजह से कांवड़िए जल लेकर नहीं जा सके थे। इस बार यह यात्रा फिर से शुरू हो गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने जब से अपराध करने वालों के खिलाफ बुलडोजर चलाने की मुहिम शुरू की है, तब से बुलडोजर (Yogi bulldozer) चर्चा का विषय बना हुआ है। अब सावन माह में कांवड़ यात्रा में भी बुलडोजर आ गया है। मेरठ के शिवभक्तों ने इलाके के मुस्लिम परिवार के साथ मिलकर बुलडोजर वाली कांवड़ तैयार कर इस बार सावन को खास बना दिया है।

बुलडोजर कावंड़ को लेकर मेरठ से एक जत्था हरिद्वार के लिए हुआ रवाना

इस बुलडोजर कावंड़ को लेकर मेरठ से एक जत्था हरिद्वार के लिए रवाना हुआ है। करीब एक सौ किलो वजन और 15 फीट ऊंची कांवड़ को बनाने में करीब एक महीना लगा है। खास बात यह है कि इस कावंड़ को बनाने वालों में हिन्दू और मुसलमान कारीगर शामिल हैं। 23 जुलाई को शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल लेकर मेरठ के लिए 'बोल बम-बम और 'हर-हर महादेव के गगनभेदी जयकारों के बीच उत्तर भारत के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व वाले औघड़नाथ मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे।

इस कावंड़ को बनाने में आया एक लाख रुपये का खर्च: बाबर खान

सदर निवासी बाबर खान की अगुवाई में बनाई जा रही इस कावंड़ को बनाने में करीब एक लाख रुपये का खर्च आया है। कांवड़ बनाने वालों में शामिल रहे अशरफ के मुताबिक क्षेत्र के हिंदू और मुस्लिम परिवार पिछले 10 साल से संयुक्त रूप से कांवड़ बना रहे हैं। अशरफ ने कहा, "हममें से कोई भी यह काम पैसा कमाने के लिए नहीं करता है। हमारा काम सांप्रदायिक सद्भाव का एक संदेश है। खास बात यह भी है कि गढ़िया वाली मस्जिद के सामने ही इस बुलडोजर वाली कावड़ को अंतिम रूप दिया गया।

मुख्यमंत्री के काम से प्रभावित होकर बनाई बुलडोजर कांवड़

कांवड़ तैयार करने वालों में शामिल बाबर खान,सागर, शिवम, गौरव, कासिफ आदि का कहना है कि मुख्यमंत्री के काम से प्रभावित होकर बुलडोजर कांवड़ बनाई। कांवड़ बांस और तार का इस्तेमाल किया। इन युवकों ने बताया कि बांस की सजावट के लिए गुलाबी कपड़ा, गोटा, किरन और रंग बिरंगी लेस लगाया गया। जाहिर है कि कांवड़ यात्रा के दौरान दोनों समुदायों का संयुक्त प्रदर्शन उन राजनीतिक दलों के लिए एक जोरदार संदेश है, जो हमेशा राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक वैमनस्य के बीज बोने की कोशिश करते हैं।

Deepak Kumar

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