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Meerut: आवश्यक और खाद्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लेने का मेरठ के व्यापारियों ने किया विरोध
Meerut: देश में खाने-पीने की चीजों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर मेरठ में भी इसका विरोध शुरू हो गया है।
GST। (Social Media)
Meerut: देश में खाने-पीने की चीजों पर 5 प्रतिशत जीएसटी (GST) लगाने पर देशभर के व्यापारी अपना कारोबार बंद कर विरोध कर रहे हैं। ये नई दर 18 जुलाई से लागू कर दी जाएगी। मेरठ में भी इसका विरोध शुरू हो गया है।
व्यापारियों ने वाणिज्य कर भवन पर किया प्रदर्शन
इस क्रम में आज व्यापारियों ने वाणिज्य कर भवन पर प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार द्वारा दैनिक आवश्यक अनब्रांडेड वस्तुओं, प्रमुख खाद्यान्न वस्तुओं को जीएसटी (GST) में शामिल करते हुए पांच फीसदी टैक्स (Tax) लगाने का विरोध जताया। कहा कि इससे दाल, चना, गेहूं व अन्य आवश्यक वस्तुऐं महंगी हो जाएंगी। जीएसटी मल्टीपाइंट टैक्स होने के कारण प्रत्येक बिक्री पर जीएसटी जुडता चला जाएगा। जनता को भारी महंगाई का सामना करना पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री से लगाए गए टैक्स को वापस लिए जाने की मांग की। कहा कि शराब व पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में शामिल किया जाए।
सरकार के इस कदम से महंगाई और बढ़ेगी: प्रदेश अध्यक्ष
उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल (industry business delegation) के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल (State President Lokesh Agrawal) ने कहा कि पूर्व वित्तमंत्री स्व. अरुण जेटली (Former Finance Minister Late. Arun Jaitley) ने कहा था कि आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा. इसके मद्देनजर यह विरोध किया जा रहा है क्योंकि सरकार के इस कदम से महंगाई और बढ़ेगी।
व्यापारियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
वाणिज्य कर भवन पर प्रदर्शन के बाद व्यापारियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। साथ में कहा कि कुटीर, घरेलू व लघु उद्योग पर लगाए गए इस टैक्स का विपरीत प्रभाव पड़ेगा। जिस कारण हमारे घरेलू उद्योग धंधे प्रभावित होंगे। अस्पतालों के कमरे व चिकित्सा उपकरणो पर लगाए गए कर से चिकित्सा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। शिक्षा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं, प्रिंटिंग व स्टेशनरी मैं इस्तेमाल होने वाले सामान पर कर लगाने से शिक्षा व्यवस्था आम आदमी से दूर हो जायेगी।
व्यापारी नेताओं के अनुसार केंद्र सरकार व्यापारियों के उत्पीड़न पर तुली है। सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। अनाज पर जीएसटी लगने से उपभोक्ता पर महंगाई की मार पड़ेगी। व्यापारी अनाजों पर लगने वाले जीएसटी का विरोध कर रहे हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो फिर इंस्पेक्टर राज कायम हो जाएगा।
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