Meerut News: 25 साल बाद पिता को मिला इंसाफ: बेटे की हत्या करने वाले राजकुमार को उम्रकैद

Meerut News: करीब ढाई दशक पहले हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड में अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी राजकुमार को आजीवन कारावास और ₹20,000 का जुर्माना ठोका

Sushil Kumar
Published on: 17 April 2025 9:47 PM IST
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Meerut News: "न्याय की चक्की धीमी जरूर चलती है, लेकिन पीसती बारीकी से है।" ये पंक्तियाँ मेरठ में हुई ऐतिहासिक सजा पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। करीब ढाई दशक पहले हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड में अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी राजकुमार को आजीवन कारावास और ₹20,000 का जुर्माना ठोका।

मामला 19 मई 2000 का है। वादी कृपाल सिंह ने फलावदा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके बेटे नवीन कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। इस पर IPC की धारा 302 में केस दर्ज हुआ, बाद में धारा 34 भी जोड़ी गई।

जांच में सामने आया कि हत्या के पीछे आरोपी राजकुमार पुत्र बैनी, निवासी आँखेपुर थाना इंचौली, मेरठ का हाथ था। 2001 में उसे मफरूर घोषित कर गिरफ्तार किया गया। इसके बाद मामला कोर्ट की चौखट पर पहुंचा और पुलिस ने ऑपरेशन "कन्विक्शन" के तहत इस केस को गंभीर अपराधों की श्रेणी में रखते हुए उच्च स्तर पर मॉनिटर किया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेरठ के निर्देशन में, एडीजीसी प्रेरणा वर्मा, कोर्ट पैरोकार निखिल नागर और थाना फलावदा पुलिस की टीम ने गवाहों को मजबूती से पेश किया और सुनवाई के दौरान मजबूत पैरवी की।

आखिरकार 17 अप्रैल 2025 को एडीजे-03 मेरठ जयेंद्र कुमार की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रभर सलाखों के पीछे भेज दिया।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि ऑपरेशन कन्विक्शन" उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है, जिसका लक्ष्य है कि गंभीर अपराधों में शामिल अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जाए. यह अभियान बलात्कार, हत्या, डकैती, धर्मांतरण और गोहत्या जैसे गंभीर अपराधों पर केंद्रित है।

ऑपरेशन कन्विक्शन के मुख्य उद्देश्य:

दोषसिद्धि की प्रक्रिया में तेजी लाना:

इस अभियान के तहत, 30 दिनों के अंदर जांच पूरी करके अपराधियों को सजा दिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

अपराधों पर अंकुश लगाना:

यह अभियान अपराधियों में कानून का डर पैदा करने और अपराधों की संख्या को कम करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।

न्यायिक प्रक्रिया में सुधार:

इस अभियान के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है।

Ramkrishna Vajpei

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