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Meerut News: अब मेरठ से दुनिया तक पहुंचाएगा ज्ञान: CCSU ने नार्वे समेत प्रमुख संस्थानों संग किया बड़ा समझौता
Meerut News: सीसीएसयू मेरठ ने नार्वे की यूनिवर्सिटी ऑफ एजडर समेत अंतरराष्ट्रीय संस्थानों संग ऐतिहासिक समझौता किया। शिक्षा, शोध और नवाचार को वैश्विक मंच पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम।
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Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) ने शिक्षा और शोध के क्षेत्र में वैश्विक उड़ान भरने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। विश्वविद्यालय ने नार्वे के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ एजडर सहित देश के प्रमुख संस्थानों के साथ बहुपक्षीय ‘फ्लेक्सी एमओयू’ पर दस्तखत किए हैं। यह समझौता न सिर्फ वैश्विक सहयोग की नई इबारत लिखेगा, बल्कि मेरठ को अंतरराष्ट्रीय अकादमिक मानचित्र पर भी मजबूती से स्थापित करेगा। नई दिल्ली स्थित ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “VISION 2047: Prosperous & Great Bharat” के दौरान इस MoU पर सहमति बनी। इस सम्मेलन का आयोजन स्वदेशी शोध संस्थान, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और ICAR के संयुक्त प्रयास से हुआ था।
भारत की सोच, दुनिया की साझेदारी
सीसीएसयू के इस कदम का उद्देश्य पारंपरिक भारतीय ज्ञान को वैश्विक पटल पर पहुंचाना, नवाचार को बढ़ावा देना और शोध में सहयोग को मजबूत करना है। इसके तहत विश्वविद्यालय इन क्षेत्रों में काम करेगा:
ज्ञान साझाकरण और शोध में वैश्विक भागीदारी
तकनीक व नवाचार के जरिए नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा
हर घर स्वदेशी, हर युवा उद्यमी जैसे अभियानों को ताकत
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यशालाओं और संगोष्ठियों का आयोजन
सीसीएसयू को शिक्षा और शोध का वैश्विक ब्रांड बनाना
कुलपति बोलीं – “मील का पत्थर साबित होगा यह MoU”
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा, “यह समझौता भारत की परंपरागत ज्ञान प्रणाली को वैश्विक विमर्श से जोड़ने वाला एक ऐतिहासिक क्षण है। हमारा विश्वविद्यालय नवाचार और राष्ट्र निर्माण के प्रति पूरी तरह समर्पित है।” प्रति कुलपति प्रो. मृदुल कुमार गुप्ता और कुलसचिव श्री धीरेंद्र कुमार वर्मा ने भी इस समझौते को विश्वविद्यालय के लिए "गेम चेंजर" बताया। अनुसंधान निदेशक प्रो. बीरपाल सिंह ने कहा कि इससे सीसीएसयू के शोधार्थियों को अंतरराष्ट्रीय मंच मिलेगा।
वैदिक मूल्यों से प्रेरित वैश्विक विस्तार
यह समझौता वैदिक प्रेरणा “अजय्यं च विश्वस्य देशे शक्तितम, सुशीलं जगद्येन नमं भवेत्” पर आधारित है, जो विश्व में भारतीय चरित्र, शक्ति और ज्ञान के आदर्शों को स्थापित करने की प्रेरणा देता है।
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