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Meerut News: सपा की प्रदेश कार्यकारिणीः मेरठ और पश्चिमी यूपी की उपेक्षा, नेताओं में रोष
Meerut News: सपा की भारी-भरकम घोषित 182 सदस्यीय प्रदेश कार्यकारिणी में मेरठ और पश्चिमी यूपी की उपेक्षा के स्थानीय राजनीतिक हलकों में कई मायने निकाले जा रहे हैं।
Meerut News: सपा की भारी-भरकम घोषित 182 सदस्यीय प्रदेश कार्यकारिणी में मेरठ और पश्चिमी यूपी की उपेक्षा के स्थानीय राजनीतिक हलकों में कई मायने निकाले जा रहे हैं। कार्यकारिणी में मेरठ, शामली, हापुड़ और बुलंदशहर के नेताओं को जगह नहीं मिलने पर अखिलेश यादव का इन जिलों के सपा नेताओं से नाराजगी की चर्चा हो रही है। 182 लोगों की बड़ी कार्यकारिणी में पश्चिमी यूपी में सिर्फ छह जिलों के 13 कार्यकर्ताओं को सचिव, सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।
चार विधायक देने के बाद भी मेरठ खाली हाथ
बता दें कि पार्टी का सितंबर, 2022 में राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ था और कार्यकर्ता तभी से प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होने का इंतजार कर रहे थे। मेरठ की बात करें तो यहां से कई नेताओं के कार्यकारिणी में शामिल किए जाने की उम्मीद थी और लामबंदी में भी लगे थे, लेकिन जगह नहीं मिल सकी। इनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक शाहिद मंजूर, पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री राजपाल सिंह, प्रदेश सचिव रहे मो. अब्बास, पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री प्रभुदयाल वाल्मीकि का नाम तो सबसे आगे चल रहा था। मो. अब्बास के अलावा राजपाल चौधरी, प्रभुदयाल वाल्मीकि आदि पूर्व में प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल रह चुके हैं।
प्रदेश कार्यकारिणी में जगह नहीं मिलने पर कार्यकर्ताओं में मायूसी
सपा नेताओं की मानें तो ऐसा पहली बार हुआ है। कुछ सपा नेता आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं। चार विधायक देने के बाद भी मेरठ खाली हाथ समाजवादी पार्टी को मेरठ की जनता ने चार विधायक दिए, इसके बाद भी पार्टी ने मेरठ के किसी भी सपाई को प्रदेश कार्यकारिणी के लायक नहीं समझा। इसे लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में रोष है। हालांकि पार्टी के जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी इस बात से इंकार करते हैं कि प्रदेश कार्यकारिणी में जगह नहीं मिलने पर कार्यकर्ताओं में मायूसी जरूर है, लेकिन नाराजगी नहीं है।
63 विशेष आमंत्रित सदस्यों को भी शामिल नहीं किया गया
सपा की प्रदेश कार्यकारिणी में पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) का दबदबा दिखा। 24 मुसलमान, 17 दलित और 11 यादवों को जगह मिली है। इस गणना में 63 विशेष आमंत्रित सदस्यों को शामिल नहीं किया गया है। इस तरह से अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव और सदस्यों की संख्या 119 है। इनमें 8 ब्राह्मण, 45 गैर यादव ओबीसी और 14 वैश्य, कायस्थ, जैन, सिख और ईसाई समुदाय से हैं।
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