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Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान पेपर में RSS पर पूछे गए आपत्तिजनक प्रश्न, विवि प्रशासन ने शिक्षिका को किया आजीवन डिबार
Meerut News: विगत 2 अप्रैल 2025 को राजनीति विज्ञान की अंतिम वर्ष की परीक्षा में प्रश्न क्रमांक 93 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को एक धार्मिक एवं जातीय राजनीति के विचार के उदय का कारण होने का विकल्प उपलब्ध कराया गया।
राजनीति विज्ञान पेपर में RSS पर पूछे गए आपत्तिजनक प्रश्न, विवि प्रशासन ने शिक्षिका को किया आजीवन डिबार (Photo- Social Media)
Meerut News: उत्तर प्रदेश के जनपद मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की राजनीति विज्ञान के द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आपत्तिजनक प्रश्न पूछे जाने पर हुए विवाद के बाद पेपर बनाने वाली प्रो. सीमा पंवार ने माफी मांगी। मगर विवि ने उन्हें आजीवन के लिए डिबार कर दिया है।
सीसीएसयू के कुलसचिव धीरेन्द्र कुमार वर्मा ने न्यूज़ट्रैक को बताया कि विश्वविद्यालय प्रशाशन ने जांच समिति बनाकर प्रश्न पत्र की जांच की तो पता चला कि यह पेपर मेरठ कॉलेज में राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सीमा पंवार ने बनाया था। वह राष्ट्रीय कवि डॉ. हरिओम पंवार के छोटे भाई की पत्नी हैं। कुलसचिव के अनुसार विश्वविद्यालय में उन्हें आजीवन के लिए सभी परीक्षा और मूल्यांकन कार्यों से डिबार कर दिया है। कुल सचिव ने बताया कि विश्वविद्यालय की आपत्ति के बाद प्रोफेसर सीमा पंवार ने लिखित में माफी मांगी है कि उन्होंने जानबूझकर किसी को आहत करने के लिए ऐसा नहीं किया है।
आरएसएस को लेकर आपत्तिजनक प्रश्न पूछे गए
बुधवार दो अप्रैल को हुई परीक्षा में प्रश्न संख्या 87 और 97 में आरएसएस को लेकर आपत्तिजनक प्रश्न पूछे गए थे। प्रश्न पत्र में पूछे गए प्रश्नों में से एक में आरएसएस को धार्मिक और जातीय पहचान की राजनीति के उदय से जोड़ा गया। वहीं, दूसरे प्रश्न में परमाणु समूह पर पूछे गए प्रश्न में आरएसएस का नाम दिया गया था। इस प्रश्न में नक्सली समूह, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और दल खालसा जैसे समूहों के साथ आरएसएस का नाम शामिल किए जाने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नेताओं ने संघ पर पूछे सवाल को आपत्तिजनक करार देते हुए शुक्रवार को कैंपस में प्रदर्शन कर किया।
परिषद के महानगर अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मेरठ महानगर के कार्यकर्ताओं द्वारा एम.ए. (व्यक्तिगत) राजनीतिक विज्ञान की कोड़ संख्या G-471 की वार्षिक परीक्षा के बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संदर्भ में तथ्यहीन व अनुचित प्रश्न पूछे जाने पर चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय में कुल सचिव का घेराव करते हुए ज्ञापन दिया। विगत 2 अप्रैल 2025 को राजनीति विज्ञान की अंतिम वर्ष की परीक्षा में प्रश्न क्रमांक 93 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को एक धार्मिक एवं जातीय राजनीति के विचार के उदय का कारण होने का विकल्प उपलब्ध कराया गया।
दोषी परीक्षक को परीक्षा से डिबार करने का पत्र जारी
कार्यकर्ताओं ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लगभग 100 वर्षों से एक अराजनीतिक, सामाजिक, संस्कृतिक, राष्ट्रीय एकता व समानता के आधार पर राष्ट्रीय हित में समर्पण करने वाला संगठन है| ऐसे तथ्यहीन, अनुचित प्रश्न को पूछा जाना परीक्षक की राष्ट्र-विरोधी मानसिकता को दर्शाते हुए विद्यार्थियों के मध्य संघ की छवि को खराब करने व एक गलत नैरेटिव प्रस्तुत करने का काम किया | विद्यार्थी परिषद के बढ़ते हुए हंगामा को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा तुरंत कार्यवाही में परीक्षक से स्पष्टीकरण मांगते हुए दोषी परीक्षक को परीक्षा से डिबार करने का पत्र जारी कर दिया गया।
धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का है। यह संगठन भारतीय संस्कृति और नागरिक समाज के मूल्यों को बनाए रखने के आदर्शों को बढ़ावा देता है। परीक्षकों द्वारा प्रश्न पत्र तैयार करते समय सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर ही कार्य करना चाहिए। विद्यार्थियों को भ्रमित न करते हुए सही प्रश्न पूछा जाना एक परीक्षक का दायित्व है" ।
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