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Milkipur Exit Poll: एग्जिट पोल में बीजेपी की बल्ले-बल्ले, समाजवादी पार्टी को झटका
Milkipur By-election: मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को मैदान में उतारा था, जबकि समाजवादी पार्टी ने अजीत प्रसाद को टिकट दिया। इस उपचुनाव में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया था।
Milkipur By-election: मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को मैदान में उतारा था, जबकि समाजवादी पार्टी ने अजीत प्रसाद को टिकट दिया। इस उपचुनाव में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया था।
रुझानों के अनुसार, बीजेपी का पलड़ा भारी दिख रहा है। इस उपचुनाव में मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिला, और दूर-दराज से नौकरी करने वाले मतदाता भी अपने मत का उपयोग करने पहुंचे। जातीय समीकरण की बात करें तो यह ब्राह्मण बहुल सीट है, और इस बार ब्राह्मणों में एकजुटता दिखी है। पिछली बार जो दलित साइकिल पर बैठ गए थे, वे इस बार तीन खेमों में बंट गए हैं। इसके अलावा, मतदान प्रतिशत में भी वृद्धि देखी गई, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी इस बार विकास के मुद्दे पर चुनाव जीत सकती है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार यह हार भूलाकर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनता दिख रहा है। मिल्कीपुर उपचुनाव के परिणामों में बीजेपी की जीत की संभावना अधिक जताई जा रही है, और विभिन्न रुझानों के मुताबिक, इस सीट पर पार्टी का पलड़ा भारी है।
शाम 5 बजे मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए मतदान समाप्त हो गया। इस उपचुनाव में भाजपा ने चंद्रभानु प्रसाद को प्रत्याशी बनाया, जबकि समाजवादी पार्टी ने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दिया। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने चुनाव से दूरी बनाए रखी। मिल्कीपुर विधानसभा सीट से 2022 में अवधेश प्रसाद ने सपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद (अयोध्या) से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके कारण इस सीट पर उपचुनाव हुआ। 8 फरवरी को आएंगे नतीजे, जिससे तय होगा कि मिल्कीपुर की जनता किसे अपना नया प्रतिनिधि चुनती है।
मिल्कीपुर रिकॉर्डतोड़ मतदान
मिल्कीपुर उपचुनाव में रिकॉर्डतोड़ मतदान हुआ है। शाम 5 बजे तक 65.25% वोटिंग दर्ज की गई, जो 2022 के 59.95% मतदान के मुकाबले काफी अधिक है। इस बार मतदाताओं ने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया है।