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मेरठ: मस्जिदों में नमाज पढ़ने वालों की संख्या बढ़ाने की मांग ने जोर पकड़ा
पूर्व मंत्री डॉ. मैराजुउद्दीन अहमद ने रमजान में पांच से अधिक लोगों को नमाज पढ़ने की अनुमति दिए जाने की मांग की है
फोटो- सोशल मीडिया
मेरठ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री डॉ. मैराजुउद्दीन अहमद व शहर काजी प्रोफेसर ज़ैनुस साजिदीन सिद्दीकी पूर्व विधायक राजेन्द्र शर्मा ने संयुक्त रुप जारी अपने एक बयान में रमजान में पांच से अधिक लोगों को नमाज पढ़ने की अनुमति दिए जाने की मांग की है। इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में इन नेताओं ने कोविड-19 महामारी के वायरस को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से हाल ही में शासनादेश के तहत दिए गए कुछ दिशा-निर्देशों को एक-दूसरे के विपरीत करार दिया है।
मुख्यमंत्री को लिखे इस पत्र में सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर सवाल खड़े करते हुए कहा गया है कि कोविड-19 के वायरस को रोकने के लिए शासन द्वारा जो दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं,उसमें बिन्दु(एल)में यह कथन किया गया है कि एक समय में एक धार्मिक स्थल में मात्र पांच व्यक्ति ही उपस्थित हो सकेंगे, वहीं दूसरी ओर उक्त शासनादेश के बिन्दु (ए) का सब सेक्शन (।) व सब सेक्शन (॥) में यह कथन किया गया है कि एक समय में एक परिसर में बंद कमरे हॉल में अधिकतम 50 व्यक्ति और खुले परिसर में अधिकतम 100 व्यक्ति उपस्थित हो सकेंगे।
ये दोंनो बिन्दु एक दूसरे के विरोधाभाषी हैं, जो आम जनता में भेदभावपूर्ण होने के कारण आक्रोश पैदा करते हैं,क्योंकि कोरोना वायरस एक ऐसा वायरस नही है जो अन्य परिसरों में तो अपना प्रभाव कम करेगा और धार्मिक स्थलों में उसका प्रभाव अधिक रहेगा, जबकि इसके विपरीत धार्मिक स्थलों में श्रद्धालू ज्यादा पाक-साफ पवित्र व अनुशासन के साथ उपस्थित होता है और अन्य परिसरों में अर्थात शादी-समारोह वगैरा में चाह कर भी व्यक्ति अनुशासन नही रख पाता है। अतः उक्त परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए बिन्दु बिन्दु (ए) का सब सेक्शन (।) व सब सेक्शन (॥) को भी धार्मिक स्थलों पर लागू किया जाये अर्थात श्रद्धालु की संख्या धार्मिक स्थलों के क्षेत्रफल के अनुरुप सोशल डिस्टेसिंग ,फेस मास्क ,सैनेटाईजर व हैण्ड वॉश की उपलब्धता के साथ लागू किया जाये।
उधर आल इंडिया मिल्ली काउंसिल के बैनर तले मुस्लिम समाज के लोंगो ने जिला अधिकारी को ज्ञापन देकर मस्जिदों में पांच से अधिक लोगों को कोरोना संक्रमण को लेकर जारी गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए नमाज पढ़ने की अनुमति दिए जाने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि बाजारों में, चाय की दुकानों और होटलों में भी उससे कई गुना ज्यादा लोग जमा हो रहे हैं। कारी शफीक उर रहमान ने कहा कि रमजान का महीना मंगलवार या बुधवार से आरंभ हो सकता है।
अकीदतमंद इस दौरान रोजे रखते हैं और तरावीह पढ़ते हैं। मस्जिदों के अंदर नमाजी कोरोना संक्रमण को लेकर जरूरी एहतियात बरतने को तैयार हैं। मस्जिद कमेटी में इस संबंध में अंडरटेकिंग देने को भी तैयार है। इस दौरान राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। शहर विधायक रफीक अंसारी, कारी अनवार, शारिक, अफ्फान, हिजबुर रहमान आदि मौजूद रहे। जमीयत उलेमा ए हिंद के जिला अध्यक्ष नायब शहर काजी जैनुर राशिदीन ने मस्जिद के क्षेत्र के अनुसार सौ लोगों को नमाज पढ़ने की अनुमति दिये जाने की मांग की।
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