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राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे 32 हजार मुकदमें, जस्टिस पंकज मित्तल ने किया उद्घाटन
राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत सिविल कोर्ट, लखनऊ में शनिवार को 32 हजार 105 मुकदमों का अंतिम रुप से निपटारा हुआ। जिसमें 09 करोड़ 88 लाख 34 हजार 112 रुपए की धनराशि बतौर अर्थदंड और प्रतिकर आदि के रुप में वसूल की गई।
लखनऊ: राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत सिविल कोर्ट, लखनऊ में शनिवार को 32 हजार 105 मुकदमों का अंतिम रुप से निपटारा हुआ। जिसमें 09 करोड़ 88 लाख 34 हजार 112 रुपए की धनराशि बतौर अर्थदंड और प्रतिकर आदि के रुप में वसूल की गई।
इन मुकदमों में लघु फौजदारी, 138 एनआई एक्ट, मोटर वाहन दुर्घटना प्रतिकर, भूमि अध्यापति वाद, बैंक वसूली वाद, किराएदारी वाद, उपभोक्ता फोरम के मसले, नगर निगम टैक्स वसूली वाद और एलडीए से संबधित वाद शामिल थे।
इसके साथ ही केबल नेटवर्क के मामले, मोबाईल फोन के मामले, पर्यावरण प्रदूषण से संबधित मामले, अध्यापकों को वेतन भुगतान आदि से संबधित मामले, राशन कार्ड, बीपीएल कार्ड, जाति और आय प्रमाण पत्र से संबधित मामले, सेवा विवाद, श्रम विवाद, आयकर और वित्तीय संस्थानों के मसले आदि का भी निस्तारण इस राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ।
जस्टिस मित्तल ने क्या कहा ?
इससे पहले लखनऊ के प्रशासनिक जज और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस पंकज मित्तल ने दीप प्रज्जवलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डाला। जस्टिस पंकज मित्तल ने कहा कि इस देश में ईश्वर के बाद लोग सबसे ज्यादा न्यायपालिका पर विश्वास करते हैं। इसलिए मुकदमों के सालों तक लंबित रहने से जनता का न्यायपालिका से विश्वास उठ जाएगा। लिहाजा जनता का विश्वास न्यापालिका में सुदृढ़ बनाए रखने के लिए मुकदमों का त्वरित निस्तारण जरुरी है।
ये रहे मौजूद
समारोह में जिला जज वीरेंद्र कुमार, द्वितीय और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के नोडल ऑफिसर एडीजे दिनेश सिंह, सचिव ज्ञानेंद्र त्रिपाठी और प्रभारी सीजेएम इंद्र प्रकाश के अलावा समस्त न्यायिक अधिकारीगण और कर्मचारी मौजूद थे।
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