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याचिका खारिज करने का कारण बताना जरूरी: हाईकोर्ट
पहले मामले (रमेश चंद्र दोहरे बनाम आईजी रजिस्ट्रेशन) की याचिका अधिवक्ता के सुनवाई के समय हाजिर न रहने पर यह कहते हुए खारिज की गई कि याचिका में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि किसी भी याचिका को खारिज करते समय उसका कारण बताना जरूरी है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की खंडपीठ ने दो मामलों में दिया है।
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पहले मामले (रमेश चंद्र दोहरे बनाम आईजी रजिस्ट्रेशन) की याचिका अधिवक्ता के सुनवाई के समय हाजिर न रहने पर यह कहते हुए खारिज की गई कि याचिका में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।
अपीलार्थी के अधिवक्ता का कहना था कि याचिका को गुण दोष के आधार पर खारिज करने का स्पष्ट कारण बताना आवश्यक है। दूसरे मामले (वीरेंद्र सिंह व पांच अन्य बनाम निदेशक माध्यमिक शिक्षा) मामले में भी एकल पीठ के इसी तरह के आदेश को चुनौती दी गई थी। खंडपीठ ने दोनों मामलों में एकल पीठ का आदेश रद्द करते हुए याचिकाओं को पुन: एकल पीठ के समक्ष भेज दिया है।
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