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क्रिकेट स्टेडियम घोटाला: एक और प्राधिकरण अधिकारी पर आरोप तय
दरअसल, वरिष्ठ परियोजना अभियंता का तबादला नोएडा प्राधिकरण से यूपीसीडा कर दिया गया है। ऐसे में जांच भी यूपीसीडा द्वारा ही की जाए।
नोएडा: सेक्टर-21ए नोएडा स्टेडियम में बने क्रिकेट स्टेडियम के साथ पवेलियन निर्माण में सीबीआई ने प्राधिकरण के तत्कालीक वरिष्ठ परियोजना अभियंता पर आरोप तय कर दिए है। सीबीआई ने उक्त मामले की जांच सात सदस्यीय कमेटी से कराकर रिपोर्ट शासन को भेज दी है। साथ ही नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को इससे अवगत करा दिया गया है। सीबीआई ने उनको उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 का उल्लघंन करने का दोषी पाया और कथित घोटाला कर प्राधिकरण को करोड़ों रुपए राजस्व की हानि पहुंचाई।
सीबीआई ने जांच में सिद्ध किए आरोप
सीबीआई ने सेक्टर-21ए में इंटीग्रेटेड स्पोर्ट कांप्लेक्स में क्रिकेट स्टेडियम के साथ पवेलियन निर्माण में विभिन्न एजेंसियों की जांच रिपोर्ट के क्रम में कथित अनिमितताओं का गहन परीक्षण इंजीनियरिंग व वित्तीय दृष्टि से कराने के लिए सात अधिकारियों की एक समिति का गठन किया गया। समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट 7 नवंबर 2019 को प्रस्तुत की। समिति द्वारा पाया गया कि (स्तूप कंस्लटेंट प्रा. लि.) द्वारा प्रस्तुत कोटेशन को तत्कालीन वरिष्ठ परियोजना अभियंता द्वारा सत्यापित नहीं किया गया।
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साथ ही एकल कोटेशन पर आप द्वारा कोई आपत्ति नहीं की गई। इससे प्राधिकरण को करोड़ों रुपए राजस्व हानि भी हुई। इसकी एक रिपोर्ट सीबीआई ने प्राधिकरण को सौंपी। साथ ही विभागीय जांच के लिए प्राधिकरण को कहा गया है। सूत्र बताते है कि प्राधिकरण आला अधिकारियों ने विभागीय जांच यूपीसीडा से करने को कहा है। दरअसल, वरिष्ठ परियोजना अभियंता का तबादला नोएडा प्राधिकरण से यूपीसीडा कर दिया गया है। ऐसे में जांच भी यूपीसीडा द्वारा ही की जाए।
60 करोड़ का टेंडर 200 करोड़ से ज्यादा खर्च
वर्ष 2010-11 में सेक्टर-21ए स्थित नोएडा स्टेडियम में नोएडा स्टेडियम पवेलियन सहित बनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण की ओर से 60 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया था। इसके निर्माण को पूरा करने में 200 करोड़ रुपये खर्च किया गया। लेकिन वर्ष 2015 में जब यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई ने अंडर ग्राउंड केबलिंग की जांच शुरू की।
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उस समय नोएडा स्टेडियम प्रकरण की एफआईआर को इसी के साथ क्लब कर दिया गया। क्रिकेट स्टेडियम जांच के प्रथम चरण की कार्रवाई में टेंडर जारी करने में भारी अनियमितताएं मिली थी। इसमें नोएडा प्राधिकरण में उस समय तैनात नौ लोगों की सीधी संलिग्ता सामने आई। सीबीआई ने अपने पत्र में सभी के नामों को उनके पदनाम के जरिए स्पष्ट किया है।
रिपोर्ट- दीपांकर जैन
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