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1700 लोगों की तैयार हो रही सूची, प्राधिकरण इन्हें मानता है डिफाल्टर
नोएडा: प्राधिकरण अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में जुटा है। इसमें प्राधिकरण उन बकायदारों की सूची तैयार कर रहा है जिनको जमीन किराए पर दी गई है। ऐसी करीब 1700 लोगों को चिन्हित किया गया है। जो अपनी व्यवसायिक गतिविधि प्राधिकरण की जमीन पर कर रहे है। इसके एवज में उन्हें प्राधिकरण को महीने वार किराया देना पड़ता है। लेकिन गत कई महीनों से इन लोगों ने प्राधिकरण को किराया नहीं दिया। जिसके चलते इन सब का प्राधिकरण पर कई सौ करोड़ रुपए बकाया है। इनकी सूची को भी ऑनलाइन किया जाएगा। साथ ही मोबाइल पर एसएमएस के जरिए बकाया की जानकारी दी जाएगी। जिसके बाद नोटिस जारी किए जाएंगे।
कई बैंक और पेट्रोल पंप भी शामिल
दरअसल, प्राधिकरण व्वसायिक, औद्योगिक, संस्थागत व आवासीय के लिए जमीन लीज पर देता है। इसके लिए 99 साल की लीज डीड होती है। लेकिन कुछ ऐसे भी भूखंड हैं, जिन पर व्यवसायिक व संस्थागत गतिविधि के लिए प्राधिकरण मंथली किराए के रूप में देता है। इसमे बैंक व पेट्रोल पंप के अलावा 100 बड़ी प्रापर्टी शामिल है। जिन पर प्राधिकरण का करीब 311 करोड़ रुपए बकाया है। बकाए को लेकर हाल ही में प्राधिकरण में एक बैठक भी हुई थी। जिसमें ब्याज के साथ रकम जमा करने के लिए प्राधिकरण ने नोटिस जारी किए थे। ऐसे ही अन्य बकायदार भी हैं जिनकी प्रापर्टी छोटे भूखंडों में चल रही है। जिसमे बाजारों में बनाए गए प्लेटफार्म, कियोस्क के अलावा छोटी दुकाने शामिल है। इन सभी को मिलाकर करीब 1700 प्रापर्टी हैं, जो किराए पर हैं। इन सभी का किराया ब्याज मिलाकर कई सौ करोड़ रुपए हैं। जिसमें कई ऐसी प्रापर्टी भी शामिल हैं, जो काफी समय से बंद हैं और किराएदार किराया देने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में एक स्टैंडर्ड ब्याज दर लागू करने पर विचार किया गया है। ताकि यह लोग भी प्राधिकरण का बकाया जमा कर सके। इन सभी के मोबाइल नंबर व ई-मेल आई को एकत्रित कर सूची को ऑनलाइन कर दिया जाएगा। इसके साथ ही सभी किराएदारों के मोबाइल पर महीने की पहली तारीख को बकाया का एसएमएस भेज दिया जाएगा। इसके दो फायदे होंगे। पहला इन लोगों को बकाया रकम की जानकारी मिल जाएगी दूसरा यह लोग प्राधिकरण की नजर में रहेंगे।
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