शहर की आवासीय संपत्ति को फ्री होल्ड करनी की बोर्ड ने दी सैंद्धतिक मंजूरी

Rishi
Published on: 1 Nov 2018 8:28 PM IST
शहर की आवासीय संपत्ति को फ्री होल्ड करनी की बोर्ड ने दी सैंद्धतिक मंजूरी
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नोएडा : प्राधिकरण की 195वीं बोर्ड बैठक में आवासीय भूखंडो की परिसम्पत्तियों को लीज होल्ड से फ्री होल्ड किए जाने के प्रस्ताव को प्रमुखता से बोर्ड प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिस पर सैंद्धांतिक सहमति दी गई। प्रस्ताव को शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी को अधिकतम किया गया।

बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी आलोक टंडन , अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी आरके मिश्रा, एके श्रीवास्तव समैत तमाम प्रतिनिधि मंडल के सदस्य मौजूद रहे।

शहर की संपत्ति को फ्री होल्ड करने की मांग काफी लंबे समय से उठती आ रही है। बतौर इसके लिए एक आंदोलन हाल ही में किया गया। जिसमे शहर के सामाजिक संगठन एक मंच पर आ गए। ऐसे में इस मुद्दे को प्रमुखता के आधार पर लेते हुए प्रस्ताव तैयार किया गया। जिसे बोर्ड में रखा गया। हालांकि पहले चरण में प्राधिकरण बोर्ड के प्रतिनिधियों ने आवासीय संपत्ति को फ्री होल्ड करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। शासन से मंजूरी मिलने के साथ इसे लागू कर दिया जाएगा। हालांकि प्राधिकरण ने तल वार विक्रय किए जाने के प्रस्ताव पर शहरवासियों से सुझाव मांगे है। जिसे आगामी बोर्ड में रखा जाएगा। जाहिर है फ्री होल्ड होते ही आवंटियों को उनके फ्लैटो पर मालिकाना हक मिल जाएगा। साथ ही तल के हिसाब से रजिस्ट्री भी खुल जाएंगी। वर्तमान में शहर में एक मुश्त लीज रेंट जमा करने पर 99 साल की लीज डीड होती है।

बिल्डरो को मिला अतरिक्त समय

बिल्डरों का प्राधिकरण पर कई हजार करोड़ रुपए बकाया है। आर्थिक स्थिति को सुधारने व बकाया वापस लाने के लिए प्राधिकरण ने बिल्डरों को लाभ दिया है। इसके तहत प्राधिकरण ने अतिदेय धनराशि के पुर्ननिर्धारण किए जाने की सुविधा को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। पहले यह सुविधा 30 सितंबर 2018 तक की थी।

सरकारी बकायदारों को दी गई ब्याज में छूट

सिर्फ निजि संस्थाओं पर ही प्राधिकरण का बकाया नहीं है। बल्कि सरकारी संस्थाओं का भी कई हजार करोड़ रुपए बकाया है। जिस पर लगातार ब्याज लगने से बकाया बढ़ता जा रहा है। यही नहीं कई बार प्राधिकरण द्वारा रिमाइंडर भी जारी किया गया। लेकिन अब तक बकाया वापस नहीं किया गया। लिहाजा प्राधिकरण ने उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम एवं ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण द्वारा नोएडा से लिए गए ऋण की धनराशि पर 1 अप्रैल 2018 से ब्याज दर 10.20 प्रतिशत के स्थान पर 8 प्रतिशत त्रैमासिक चक्रवृद्धि किए जाने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दे दी है। इसके अतरिक्त ब्याज में यह छूट अन्य प्राधिकरणों एवं राजकीय संस्थाओं द्वारा नोएडा प्राधिकरण से लिए गए ऋण की अतिदेय धनराशि पर भी लागू होगा। इसके साथ ही संस्थागत विभाग द्वारा आवंटित आईटी/ आईटीईएस इकाईयों व कारपोरेट आफिस या कार्यालय के उपयोग के भूखंडो पर निर्मित भवन पर किराया अनुमति एफएआर के अनुसार क्षेत्रफल पर प्रदान किए जाने व किराया शुल्क लगाने का प्रस्ताव भी अनुमोदित किया गया।

शर्तो के साथ बनाए जा सकेगा सांस्क़तिक क्लब

प्राधिरकण ने स्पष्ट किया कि जिस तरह से सेक्टर-15ए व 26 में सांस्क़तिक क्लब बने हुए है। इसी तरह सेक्टर-44 के सामुदायिक केंद्र के पास क्लब हेतु भूखंड संख्या ए-58बी पर सामुदायिक केंद्र या सांस्क़तिक क्लब का निर्माण सेक्टर-44 आरडब्ल्यूए द्वारा अपने खर्चे पर बना सकता है। बर्शेते उसे कुछ शर्तो का पालन करना होगा। इस अनुमोदन को स्वीक़ति दी गई। इसके अलावा नवंबर में ही आवासीय भूखंड योजना लाई जाएगी। योजना के तहत ई-निलामी के जरिए भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

रजिस्ट्री नहीं कराने पर देना होगा जुर्माना

बिल्डर प्रमाण पत्र जारी होने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं करा रहे है। इससे राजस्व का नुकसान हो रहा है। लिहाजा प्राधिकरण ने बिल्डर आवंटियों को त्रिपक्षीय सबलीज कराने की अनुमति पत्र निर्गत होने की तिथि से एक वर्ष के अंदर त्रिपक्षीय सब लीज डीड करानी होगी। यह वह रजिस्ट्री नहीं कराता तो 100 वर्गमीटर तक भवनों के लिए 50 रुपए प्रतिदिन प्रति भवन, 100 वर्गमीटर आकार से अधिक के भवनों के लिए 100 रुपए प्रतिदिन प्रति भवन एवं वाणिज्यक अथवा अन्य उपयोग के भवनों के लिए 100 रुपए प्रतिदिन विलंब शुल्क के लिया जाएगा।

जमीन का बदले मिलेगी धनराशि

प्राधिकरण द्वारा जमीन अधिग्रहण के बदले किसानों को 5 प्रतिशत विकसित भूखंड दिया जाना है। यह संभव नहीं है। इसकी वजह प्राधिकरण के पास भू मि न होना है। लिहाजा जिन किसानों द्वारा 5 प्रतिशत आबादी के विरूद्ध उसके समतुल्य धनराशि की मांग की जाए उसे उच्चतम न्यायालय के आदेशों के क्रम में अन्य काश्ताकारों की तरह ही 22 हजार रुपए प्रतिवर्गमीटर की दर से धनराशि दी जाएगी। इसके साथ ही आवासीय भूखंड योजना 2011 के संबंध में आवंटित किए जाने वाले भूखंडो की दरों के निर्धारण हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। जिसमे यह बताया गया कि इस तरह के प्रकरण ग्रेटरनोएडा व यमुना विकास प्राधिकरण में भी होंगे। लिहाजा आवंटन दर व अन्य बिंदुओं पर एक समान निर्णय के लिए तीनों प्राधिकरण के अधिकारियों की एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति ही निर्णय लेगी।

आवासीय पार्किंग में किया गया बदलाव

शहर में पार्किंग की समस्या को हल करने के लिए पार्किंग मानको के अनुसार भवन विनियमावली में संसोधन किया गया है। इसके तहत आवासीय भूखंडो पर पार्किंग के लिए 80 वर्गमीटर के स्थान 50 वर्गमीटर कवर्ड एरिया कर दिया गया। जिसमे एक कार के लिए पार्किंग होगी। गेस्ट पार्किंग के लिए आवश्यक पार्किंग का 10 प्रतिशत पार्किंग रिजर्व कर दी गई है। आवासीय भूखंड जिनका क्षेत्रफल 112.5 वर्गमीटर से कम है पर भी स्टिल पार्किंग का प्रावधान पर मंजूरी दे दी है।

सेक्टर-151ए में बनेंगे कम्यूनिटी सेंटर व बारात घर

अक्सर देखा गया है कि शादी समारोह के सीजन में शहरवासियों को बारात घर व कम्यूनिटी सेंटर नहीं मिल पाते है। प्राधिकरण ने इस समस्या का हल निकालते हुए सेक्टर-151ए को चुना है। यहा 10-10 एकड़ के भूखंडों पर इनका निर्माण किया जाएगा। यही नहीं पार्किंग की सुविधा के लिए अधिकतम 20 प्रतिशत हिस्से पर बेसमेंट पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। साथ ही बेसमेंट में भू-आच्छादित भाग के अतरिक्त ऊपरी भाग को ग्रीन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यही नहीं भूखंड के बाहर पार्किंग नहीं होगी। इसके लिए मनोरंजन के लिए खुला स्थान विकसित किया जाएगा।

पानी के बिल के लिए एक मुश्त योजना

कई सालों से लंबित पानी के बिल एवं अवैध कनेक्शनों को नियमित करने के लिए तीन माह के लिए जारी की गई एक मुश्त योजना की तिथि को बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दिया गया है। इसके बाद किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। साथ ही अवैध कनेक्शन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

ट्रैफिक पार्क का संचालन करेगा परिवहन विभाग

काफी लंबे इंतजार के बाद परिवहन विभाग को प्राधिकरण ने सौगात दी है। यहा सेक्टर-108 में बनाया गया ट्रैफिक के पार्क का संचालन एवं रखरखाव की जिम्मेदारी परिवहन विभाग को दी जाएगी। ऐसे में यहा एक आफिस भी खोला जाएगा। ताकि यहा लोगों को यातायात के नियमो से वाकिफ कराया जा सके।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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