रिटायर्ड कर्नल मामले में मेरठ मंडल आयुक्त व आईजी रेंज कर रहे जांच

Rishi
Published on: 29 Aug 2018 8:20 PM IST
रिटायर्ड कर्नल मामले में मेरठ मंडल आयुक्त व आईजी रेंज कर रहे जांच
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नोएडा : रिटायर्ड कर्नल विवाद को लेकर मेरठ मंडल की आयुक्त व आईजी रेंज ने बुधवार को नोएडा पहुंचकर दोबारा जांच की। दोनों अधिकारियों ने सेक्टर-27 स्थित कैंप कार्यालय पर डीएम, एसएसपी और प्राधिकरण अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की। बैठक में प्राधिकरण के अधिकारियों ने एडीएम के मकान के अवैध निर्माण से संबंधित जो दस्तावेज लाए थे। उससे अधिकारियों ने अधूरा बताकर लौटा दिया और दूसरा दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

इस विवाद के बाद शासन ने मेरठ मंडल की आयुक्त अनीता मेश्राम व आईजी रेंज रामकुमार को जांच सौंपी थी। दोनों अधिकारी पिछले सप्ताह भी नोएडा आए थे। बैठक में इस मामले से संबंधित अपडेट रिपोर्ट के बारे में पूछताछ की गई। आयुक्त व आईजी के सवालों का डीएम, एसएसपी व प्राधिकरण के अधिकारियों ने बिंदूवार जबाव दिए। 14 अगस्त को सेक्टर-29 में एडीएम हरीश चंद्र व रिटायर्ड कर्नल वीएस चौहान के बीच विवाद हुआ था। यह विवाद बढ़ता गया और शासन तक मामला चला गया। इस मामले में कर्नल को जेल जाना पड़ा था और एडीएम को शासन ने निलंबित कर दिया था। अभी भी पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई से कर्नल व फौजी संतुष्ट नहीं हैं और अपनी मांगों के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं।

प्राधिकरण की कार्यशैली पर सवाल

बैठक के दौरान इस प्रकरण में प्राधिकरण अधिकारियों द्वारा अधूरे दस्तावेज दिए गए। जिस पर पूरे दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए गए। इस शैली ने प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर भी सवाल लगा दिया है। दरअसल, यह मामला वर्क सर्किल व ग्रुप हाउसिंग के बीच विवाद बन गया है। दोनों ही विभाग के अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में लगे है। ऐसे में एक दूसरे पर आरोप लगाकर अपना पल्ला झाड़ने में लगे है।

फौजियों ने शुरू किया हस्ताक्षर अभियान

बुधवार शाम को फौजियों ने सेक्टर-29 स्थित शहीद स्मारक पर हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत की। इसमें बड़ी संख्या में रिटायर्ड फौजी और शहर के लोग शामिल हुए। फौजियों का कहना है कि पुलिस व प्रशासन ने इस मामले में सही तरीके से कार्रवाई नहीं की और एडीएम व उनके परिवार को बचा रहे हैं। फौजियों ने हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इस मामले में एकतरफा कार्रवाई करने वाले तत्कालीन क्षेत्राधिकारी प्रथम अनित कुमार व एसएचओ मनीष सक्सेना को बर्खास्त किया जाए। एडीएम की गिरफ्तारी हो और आय से अधिक संपत्ति की जांच हो। इस मामले में अब तक सीओ, एसएचओ को नोएडा से तबादला कर दिया गया है। इसके अलावा चौकी प्रभारी हथकड़ी लगाने वाले सिपाही और एडीएम के गनर को निलंबित किया जा चुका है।

केवल कर्नल के ही बयान दर्ज हुए

इस मामले में अब तक केवल कर्नल चौहान के ही बयान दर्ज हुए हैं। कर्नल चौहान से अब तक नौ घंटे तक बयान लिए गए हैं। इस मामले के जांच अधिकारी एसपी क्राइम अशोक कुमार सिंह रोजाना कर्नल के घर जा रहे हैं। कर्नल के अलावा अब तक बयान देने के लिए कोई उपलब्ध नहीं हो सका। बुधवार को भी एसपी क्राइम कर्नल के घर जाएंगे। मंगलवार को कर्नल घर पर नहीं मिले थे। एसपी क्राइम का कहना है कि कर्नल व इस मामले के अन्य गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे।

मुकदमा खत्म करने की मांग

कर्नल के परिवार ने पुलिस कर्नल के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमें को खत्म करने की मांग की है। इस बारे में कर्नल की बेटियों व परिजनों ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि यह मामला पूरी तरह से फर्जी है। एडीएम की धौंस में आकर पुलिस ने यह रिपोर्ट दर्ज की गई है। इस बारे में एसपी क्राइम का कहना है कि अभी कर्नल व एडीएम की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही इस बारे में कोई निर्णय लिया जा सकेगा।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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