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Noise pollution पर कार्यवाही के लिए उड़न दस्तों का गठन
लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में राज्य सरकार ने बताया है कि ध्वनि प्रदूषण की शिकायतों पर त्वरित जांच व कार्यवाही के लिए प्रत्येक जनपद में उड़न दस्तों का गठन किए जाने के निर्देश सभी जिला व पुलिस प्रशासन को भेजे गए हैं। 10 मार्च को प्रमुख सचिव, गृह के द्वारा जारी इस शासनादेश की जानकारी राज्य सरकार ने कोर्ट में दी है। इस पर कोर्ट ने ध्वनि प्रदुषण के मामले की अगली सुनवाई पर प्रमुख सचिव, गृह व चेयरमैन, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उपस्थित रहने का आदेश दिया है।
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यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अब्दुल मोईन की बेंच ने स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव की जनहित याचिका पर दिया। याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल करते हुए, कोर्ट के पूर्व के आदेशों के अनुपालन की जानकारी दी गई। हलफनामा के साथ 10 मार्च का शासनादेश भी सरकार के द्वारा पेश किया जिसमें वर्ष 2010 के एक शासनादेश के अनुसार ध्वनि प्रदूषण की शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही के लिए उड़न दस्ते बनाने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को दिए गए हैं। उक्त उड़न दस्ते में तीन अधिकारी शामिल किए जाएंगे। जिसमें एक जिला प्रशासन द्वारा नामित अधिकारी, सम्बंधित थाने का थानाध्यक्ष अथवा उसका प्रतिनिधि और यूपी प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नामित क्षेत्रीय अधिकारी शामिल होंगे। उड़न दस्तों का यह भी दायित्व होगा कि वे उन धार्मिक व सार्वजनिक स्थलों का औचक निरीक्षण करें जहां लाउडस्पीकर आदि का नियमित रूप से प्रयोग होता है।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि अधिकृत प्राधिकारी के अनुमति से ही धार्मिक व सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर आदि का प्रयोग किया जाएगा। वहीं याची मोतीलाल यादव ने बताया कि सुनवाई के दौरान कोर्ट सरकार के जवाब से पूर्णतः संतुष्ट नहीं हुई व अगली सुनवाई पर प्रमुख सचिव, गृह और चेयरमैन, यूपी प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड को उपस्थित रहने का आदेश दिया। सोमवार को भी सुनवाई के दौरान दोनों अधिकारी कोर्ट में उपस्थित हुए।
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