अब होगी किसानी इतनी आसान: इस ऐप से मिलेगी गन्ना किसानों को बडी मदद

गन्ना  कृषक ई.आर.पी. से संबंधित वेबसाइट www.caneup.in  अथवा विभाग की वेबसाइट www.upcane.gov.in  पर उपलब्ध लिंक पर जाकर ई.आर.पी. (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) पोर्टल से समस्त जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं एवं “ई-गन्ना एप” के माध्यम से भी अपने सर्वे, कैलेंडर, एवं पर्ची की समस्त जानकारियां प्राप्त कर सकते है।

SK Gautam
Published on: 13 Nov 2019 9:25 PM IST
अब होगी किसानी इतनी आसान: इस ऐप से मिलेगी गन्ना किसानों को बडी मदद
X

लखनऊ: गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग की ई.आर.पी. ऐसी व्यवस्था है जिसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के समस्त गन्ना किसानों की गन्ना सर्वे, बेसिक कोटा, सट्टा, गन्ना कैलेंडरिंग, पर्चियां के निर्गमन, गन्ना आपूर्ति, भुगतान की जानकारी एक ही पोर्टल पर एक समान सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध कराई जायेगी।

गन्ना कृषक ई.आर.पी. से संबंधित वेबसाइट www.caneup.in अथवा विभाग की वेबसाइट www.upcane.gov.in पर उपलब्ध लिंक पर जाकर ई.आर.पी. (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) पोर्टल से समस्त जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं एवं “ई-गन्ना एप” के माध्यम से भी अपने सर्वे, कैलेंडर, एवं पर्ची की समस्त जानकारियां प्राप्त कर सकते है। इस व्यवस्था में चीनी मिलों पर किसी प्रकार की निर्भरता नही रहेगी एवं मिलों के अनावश्यक हस्तक्षेप नही हो पायेगा।

ये भी देखें : एक क्लिक में जानें, इलाहाबाद हाईकोर्ट की आज की बड़ी ख़बरें

किसानों से संबंधित सूचनायें प्राप्त की जा सकेगी

इस सत्र में गन्ना सम्बन्धित ई.आर.पी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) के माध्यम से उत्तर प्रदेश गन्ना किसानों को वेब पोर्टल caneup.in’ एवं मोबाइल एप "ई-गन्ना’’ (E-Ganna) के माध्यम से गन्ना विपणन, सर्वे डेटा, प्री-कैलेन्डर, बेसिक कोटा, गन्ना कैलेन्डर, सप्लाई टिकट, आदि की सूचनायें पारदर्षी व्यवस्था के अन्तर्गत सभी किसानों द्वारा स्वयं से संबंधित एवं यथा आवश्यक अन्य किसानों से संबंधित सूचनायें प्राप्त की जा सकेगी। गन्ना किसानों के आकड़ों में मानवीय हस्तक्षेप एवं अनियमितताओं को रोकने हेतु आकड़ों में होने वाले परिवर्तनों को ट्रैक करने की व्यवस्था की गयी है एवं साथ ही साथ दोहरी सत्यापन व्यवस्था स्थापित की गयी है।

ये भी देखें : Hotstar की मदद से क्षेत्रीय भाषा में देखें ‘एवेंजर्स एंडगेम’

प्रमुख सचिव गन्ना एवं चीनी संजय भूसरेड्डी ने बताया कि इस व्यवस्था में चीनी मिलों पर किसी प्रकार की निर्भरता नही रहेगी एवं मिलों के अनावयक हस्तक्षेप नही हो पायेगा। तौल लिपिकों के पाक्षिक हस्तान्तरण में मनमानी जगह तैनाती के लिये गड़बड़ी होने की सम्भावना बनी रहती थी, जिसे रोकने हेतु ई.आर.पी.के माध्यम से ऑन लाईन लाटरी द्वारा तौल लिपिकों के पाक्षिक हस्तान्तरण किये जायेगे।

यहाँ भी उल्लेखनीय है कि प्रभावी शिकायत निवारण के लिए वेबसाइट एवं ई-गन्ना ऐप के साथ-साथ इंक्वारी टर्मिनल भी स्थापित किये गये है। गन्ना विभाग द्वारा मुख्यालय पर टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 की व्यवस्था की गयी है। ई.आर.पी प्रदाता के द्वारा गन्ना पर्ची के संबंधित जानकारी के लिए फ्री नम्बर 1800-103-5823 की स्थापना की गयी है। किसानों की समस्याओं का निराकरण तकनीकी रूप से दक्ष कार्मिकों द्वारा किया जायेगा।

ये भी देखें : प्रदूषण! दिल्ली मे 2 दिन के लिए स्कूल बन्द, SC ने मांगा जवाब

माफियाओं और बिचौलियों पर लगेगा अंकुश

गन्ना ई.आर.पी. व्यवस्था के तहत विकसित किये गये वेब- पोर्टल (caneup.in) “ई-गन्ना” एप, एस.एम.एस. के आधार पर भी तौल की व्यवस्था होने एवं समितियों के सुदृढीकरण एवं प्रशासनिक सुधार के कारण माफियाओं और बिचौलियों पर अंकुश लगेगा एवं किसानों को समिति कार्यालय के चक्कर नही काटने पडे़गे और घर बैठे सारी जानकारी उन्हें प्राप्त हो सकेंगी। एवं समस्याओं का निस्तारण हो सकेगा जिससे सरकार की मंशानुरूप गन्ना किसानों की समृद्धि सुनिश्चित होगी।

SK Gautam

SK Gautam

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!