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सरकार की नई आबकारी नीति, UP में भी अब 21 साल के व्यक्ति पी सकेंगे शराब
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपनी आबकारी नीति में बदलाव किया है। दिल्ली की तर्ज पर अब यूपी में भी शराब सेवन की उम्र 21 वर्ष कर दी गई है।
21 वर्ष के व्यक्ति भी कर सकेंगे यूपी में मदिरा पान (file pic )
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपनी आबकारी नीति में बदलाव किया है। दिल्ली की तर्ज पर अब यूपी में भी शराब सेवन की उम्र 21 वर्ष कर दी गई है। बता दें कि एमपी और दिल्ली में भी शराब सेवन की उम्र 21 वर्ष है। नीति के अनुसार वैयक्तिक होम लाइसेंस परिसर में परिवार के सदस्य, रिश्तेदार, परिवार के अतिथि एवं मित्र जो 21 वर्ष से कम के न हों, द्वारा वैयक्तिक होम लाइसेंसी को किसी प्रकार का कैश अथवा काइन्ड अथवा दोनों में, भुगतान किए बगैर लाइसेंसी की सहमति से मदिरा पान कर सकेंगे।
अधिसूचना के उल्लंघन पर कारावास
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी ने दी। उन्होंने बताया कि इस अधिसूचना का उल्लंघन किए जाने पर संबंधित के विरूद्ध संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम, 1910 की धारा-60 के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी, जिसमें 3 वर्ष तक का कारावास और मदिरा में सन्निहित प्रतिफल शुल्क के 10 गुने तक अथवा रूपया 2000- जो अधिक हो के अर्थदण्ड का प्राविधान है। इसके अतिरिक्त भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत भी कार्यवाही की जा सकती है।
मदिरा की मात्रा एवं इसकी शर्तें
अपर मुख्य सचिव, ने बताया कि वर्ष 2021-22 में व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा के क्रय, परिवहन एवं निजी कब्जे में रखने हेतु लाइसेंस दिया जायेगा। इस लाइसेंस के लिए विभिन्न प्रकार की मदिरा की मात्रा एवं इसकी शर्तें आबकारी नीति वर्ष 2021-22 में दी गयी हैं। इस लाइसेंस के लिए वार्षिक लाइसेंस फीस 12,000 रूपये तथा प्रतिभूति 51,000 रूपये निर्धारित है। प्रतिभूति धनराशि जिला आबकारी अधिकारी को प्लेज्ड सावधि जमा रसीद के रूप में देय होगी। इस लाइसेंस को वैयक्तिक होम लाइसेंस कहा जायेगा।
5 वर्षों से आयकर दाता हो
संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि एक व्यक्ति को अपने एक मूल निवास के लिए ही केवल एक वैयक्तिक होम लाइसेंस अनुमन्य होगा। वैयक्तिक होम लाइसेंस किसी भी व्यक्ति को अपने फार्म हाउस अथवा गेस्ट हाउस के लिए अनुमन्य नहीं होगा। वैयक्तिक होम लाइसेंस के लिए ऐसे आवेदक पात्र होंगे जो विगत 5 वर्षों से आयकर दाता हों। आवेदन पत्र के साथ विगत 5 वर्षों के आयकर रिटर्न की स्वप्रमाणित प्रति संलग्न किया जाना अनिवार्य होगा। विगत 5 आयकर निर्धारण वर्षों में से न्यूनतम 3 वर्षो में आवेदक द्वारा न्यूनतम 20 प्रतिशत श्रेणी में आयकर का भुगतान किया गया होना चाहिये।
रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री
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