वेतन सिफारिश को लेकर नर्सेज संगठनों की हड़ताल, इंटर्न ने किया बेअसर

Admin
Published on: 26 Feb 2016 10:40 PM IST
वेतन सिफारिश को लेकर नर्सेज संगठनों की हड़ताल, इंटर्न ने किया बेअसर
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लखनऊ: सातवें वेतन आयोग की सिफारिश में नर्सिंग कर्मियों की अनदेखी से नाराज नर्सेज संगठनों ने शुक्रवार को एक दिन का सामूहिक आकस्मिक अवकाश रखा। इस दौरान कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाक नारेबाजी की। इस हड़ताल का आंशिक असर लखनऊ के अस्पतालों में भी देखने को भी मिला। इंटर्न नर्सों ने मरीजों का ख़ासा ध्यान रखा और देखभाल की पूरी जिम्मेदारी निभाई। इससे हड़ताल का असर मरीजों पर नहीं पड़ा।

हड़ताल का कारण :

-सातवें वेतन आयोग में नर्सिंग कैडर के पे-बैंड और भत्तों में कोई बढ़ोतरी और बदलाव न होना।

-सहायक नर्सिंग अधीक्षक का पदनाम बदलकर सहायक नर्सिंग सिस्टर करने पर आपत्ति।

-उप नर्सिंग अधीक्षक के पदनाम को उप नर्सिंग सिस्‍टर में बदलने पर आपत्ति।

-मातृत्व अवकाश (child care leave) के दोनों वर्षों में पूर्व के समान ही पूरा वेतन न देना।

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कौन-कौन से नर्सेज संगठन शामिल :

हड़ताल में ऑल इंडिया गवर्मेंट नर्सेज फेडेरेशन, नई दिल्ली, राजकीय नर्सेज संघ, उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश नर्सेज संघ, दिल्ली नर्सेज यूनियन, राम मनोहर लोहिया नर्सेज यूनियन समेत देश के अन्य कई नर्सेज संगठन शामिल थे।

इंटर्न और ट्रेनी नर्सों ने संभाली कमान:

केजीएमयू, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, बलरामपुर हॉस्पिटल, एसजीपीजीआई समेत अन्य कई सरकारी अस्पतालों में परमानेंट नर्सिंग कर्मियों के एक दिवसीय हड़ताल पर जाने के बाद नर्सिंग का कोर्स कर रहे छात्र-छात्राओं और इंटर्न, ट्रेनी नर्सों ने मरीजों की देखभाल की। सीनियर नर्सों की कमी का मिलाजुला असर ड्यूटी पर लगी ट्रेनी नर्सों पर भी पड़ा। उन्हें समय से अधिक ड्यूटी करनी पड़ी और मरीजों की देखभाल के लिए खासी मशक्कत की।

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डॉक्टरों का कहना है:

-बलरामपुर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव लोचन ने कहा कि नर्सों की इस हड़ताल से मरीजों की देखभाल पर तो कोई असर नहीं पड़ा लेकिन नर्सों को इस तरह की हड़ताल नहीं करनी चाहिए। उन्हें मरीजों की परेशानी का ख्याल भी रखना चाहिए। अपनी मांगों को मनवाने के अन्य तरीके भी हैं हड़ताल और काम बंद बेहद निंदनीय है।

-सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे का कहना है कि सिविल अस्पताल की नर्सों ने नर्सेज संगठनों का समर्थन जरूर किया लेकिन कोई भी नर्स न तो हड़ताल में शामिल हुई और न ही काम बंद किया।

नर्सेज संगठनों का है कहना :

उत्तर प्रदेश नर्सेज फ्रंट के महामंत्री अशोक कुमार का कहना है कि अगर केंद्र सरकार ने नर्सिंग कर्मियों की मांगें पूरी नहीं की तो 15 मार्च से पूरे देश में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।

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