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गोमती रिवर फ्रंट के काम में घोटाले की आशंका, खर्च पर अफसर चुप
लखनऊः बीते छह साल से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के सीईओ पद पर जमे आईएएस रमा रमण के काम करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगाई है, लेकिन राजधानी में सीएम अखिलेश यादव के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 'गोमती रिवर फ्रंट' का काम करा रहे जिम्मेदारों पर नकेल कसती फिलहाल नहीं दिख रही है।
हालत ये है कि इस प्रोजेक्ट में मिट्टी डलवाने और दूसरे काम कितनी मात्रा में हो रहे हैं या इनके मद में कितना भुगतान किया गया, इसे बताने के लिए कोई जिम्मेदार सामने नहीं आ रहा है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट में घोटाले की आशंका जताई जा रही है।
क्या है मामला?
-लखनऊ में गोमती नदी के दोनों तटों पर हनुमान सेतु से लामार्टिनियर स्कूल तक सौंदर्यीकरण का काम कराया जा रहा है।
-यहां 300 कारों की पार्किंग, प्लाजा, मनोरंजन का स्थान, रंगीन फव्वारे लगाए जा रहे हैं।
-एम्फीथियेटर, ओपन मार्केट, बच्चों के खेलने की जगह भी बनाई जा रही है।
-इसके लिए गोमती तट के दोनों तरफ मिट्टी डालकर काम कराया जा रहा है।
-इस मिट्टी को डलवाने और बाकी काम के मद में कितना धन खर्च हुआ, इसकी जानकारी देने वाला कोई अफसर नहीं है।
क्या कहना है अफसरों का?
-शारदा कैनाल लखनऊ डिवीजन के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रूप सिंह यादव से पूछा गया सवाल।
-एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने बताया कि मिट्टी डलवाने का काम एक रेट से नहीं हो रहा है।
-प्रोजेक्ट पूरा होने पर कितनी मिट्टी डलवाई गई, उसका पता चल सकेगा।
यादव सिंह को रमा रमण तो इन्हें किसका संरक्षण?
-हाईकोर्ट ने साफ कहा कि रमा रमण के कार्यकाल में यादव सिंह का घोटाला सामने आया।
-अदालत ने पूछा कि फिर रमा रमण की जिम्मेदारी क्यों नहीं तय की गई?
-अगर यादव सिंह को रमा रमण का संरक्षण था, तो गोमती रिवर फ्रंट का काम करा रहे अफसरों को किसका संरक्षण?
काम करा रही कंपनी भी है ब्लैकलिस्टेड
-गोमती रिवर फ्रंट के प्रोजेक्ट का काम कराने वाली कंपनी दूसरे प्रदेशों में ब्लैकलिस्टडे है।
-सूत्रों के अनुसार मेट्रो के सलाहकार ई. श्रीधरन भी कंपनी पर सवाल उठा चुके हैं।
-अब काम के बारे में जानकारी न मिलने से इस प्रोजेक्ट में भी घोटाले की आशंका है।
सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल नहीं गोमती रिवर फ्रंट
गोमती रिवर फ्रंट सीएम अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल नहीं है। यह इसी से समझा जा सकता है कि प्रदेश में चल रही शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता की योजनाओं की नियमित मॉनीटरिंग की जब जरूरत महसूस की गई तो बीते 30 अप्रैल को प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग ग्रुप (पीएमजी) का गठन किया गया था। ताकि काम समय से पूरा किया जा सके। मौजूदा समय में पीएमजी के तहत 24 परियोजनाओं की मानीटरिंग होती है। पर इसमें गोमती रिवर फ्रंट शामिल नहीं है।
सीएम ने भी लिखा था पत्र
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक सीएम अखिलेश यादव ने पत्र लिखकर गोमती रिवर फ्रंट के पर्यावरण से संबंधित एनओसी के बारे में जानकारी मांगी थी। जानकारों के मुताबिक अभी तक इस परियोजना के लिए संबंधित विभागों से जरूरी एनओसी मिली है या नहीं। इसका साफ तौर पर पता नहीं चल पाया है।
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