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सोनिया के गढ़ में ओएनजीसी की टीम ने डाला डेरा,पेट्रोलियम पदार्थों की तलाश के लिए शुरू की खुदाई
पेट्रोलियम पदार्थ तलाशने के लिए जांच के दायरे में 25 किलोमीटर के दायरे में 24 गांव बताये गये है। इतने लम्बे क्षेत्र में में डीजल व पेट्रोल है या नहीं इसकी अभी जांच की जा रही है।
रायबरेली: जिले के डलमऊ तहसील क्षेत्र के भीरा गोविंदपुर के बड़ैयाताल के पास ओएनजीसी की टीम ने इस समय डेरा डाल रखा है। ओएनजीसी की टीम को सेटेलाइट के माध्यम से यह संकेत मिले हैं कि यहां पर पेट्रोलियम पदार्थ का भंडार हो सकता है।
उसके बाद से टीम यहां पर आसपास के खेतों में लगभग 100 फिट बोरिंग करके पानी निकालने में जुटी है। पानी में ही पेट्रोलियम पदार्थों का खजाना तलाशने के काम किया जाएगा।
पेट्रोलियम पदार्थ तलाशने के लिए जांच के दायरे में 25 किलोमीटर के दायरे में 24 गांव बताये गये है। इतने लम्बे क्षेत्र में में डीजल व पेट्रोल है या नहीं इसकी अभी जांच की जा रही है। पूरी मैपिंग होने के बाद ये पता लग पायेगा कि पेट्रो पदार्थ है या नहीं।
कैसे पता चलता है भूगर्भ में पेट्रो पदार्थ का
सेटेलाईट के जरिये सबसे पहले ये पता लगाया जाता है कि किस जगह पेट्रो पदार्थ मिलने की सम्भावना है या नहीं। आम भाषा में कहें तो पहले जमीन का एक्सरे किया जाता है। उस जगह पर जियो सेटेलाईट लगा दिए जाये है फिर उस स्थान पर एक सीध में करीब 13 बोरिंग कर एक साथ सभी में जमीन के नीचे सी क्लास का बम छोड़ा जाता है।
इसमें विस्फोट के बाद बोर के माध्यम से निकली एनर्जी से यह पता चलेगा कि भूगर्भ में किस कैटागरी का ज्वलनशील पदार्थ है। सारी रिपोर्ट जियो सेटेलाईट में कैद होती है। यदि जांच में तेल मिलने की बात पुष्टि हो जाती है तो एक बार फिर मशीनों से जांच की जाएगी। अभी 2 डी जाँच हो रही है एक बार सारी जांचे होने के बाद फिर सभी जांचो की मैपिंग की जाएगी।
प्रबल संभावना वाले क्षेत्रों की 3 डी मैपिंग होगी फिर एक टीम इन सभी आउटपुट का परिणाम निकालेगी। परिणाम में अगर इसकी पुष्टि हुई तो फिर फिर पेट्रो पदार्थ निकालने की कवायद शुरू की जाएगी। ओनजीसी को तेल तो अभी नहीं मिला है लेकिन किसानों के लिए परेशानी जरुर बढ़ गई है। किसानों का आरोप है कि ये टीम किसी भी के खेत में घुसकर जाँच करने लगती है।
बोरिंग शुरू करती है और बम से विस्फोट कर देती है। खेतो में जो कुछ भी बोया गया है सब बर्बाद कर गए है। एक-एक किसान का दस हजार तक का नुक्सान हो गया है। मुआवज़ा के नाम पर सिर्फ मौखिक कहा गया है। इसके अलावा अगर किसी किसान ने अपने खेत में बोरिंग से मन किया तो उसे पीएसी से पिटवाने की धमकी में ओएनजीसी के ठेकेदार दे रहे है।
जमीन के नीचे जिले में पेट्रोल मिलना जहां कौतूहल का विषय हैं। ओएनजीसी के अधिकारी अभी फिलहाल कैमरे पर बोलने से बच रहे हैं। वहीं पर काम कर रहे एक ठेकेदार ने बताया कि हम कोलकाता से आकर रायबरेली में खुदाई करके पेट्रोलियम पदार्थ ढूंढने में लगे हैं, लगभग आठ जगहों पर अब तक खुदाई की गई है अगर पेट्रोल या डीजल मिला तो आसपास का क्षेत्र को अधिग्रहण किया जायेगा साथ ही सरकार उस क्षेत्र की जमीन का सरकार मुवावजा भी देगी।
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