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Meerut News: जीएम दौरा से पहले डीआरएम ने टटोली सिटी स्टेशन की नब्ज, DRM ने अधिकारियों के साथ संसाधनों का जायजा लिया
Meerut News: उन्होंने फुटओवर ब्रिज और वाईफाई सुविधाओं की जानकारी भी ली। इस दौरान कुछ खामियां मिलने पर उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के आदेश दिए।
Meerut News: आगामी 10 दिसंबर को उत्तर रेलवे के जीएम के दौरे को देखते हुए आज दिल्ली रेल मंडल के डीआरएम डिंपी गर्ग ने सभी विभागों के अधिकारियों के साथ सिटी रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने यात्री सुविधाओं और संसाधनों का जायजा लिया। उन्होंने दल बल के साथ प्लेटफार्म, फुट ओवर ब्रिज, बुकिंग ऑफिस एस्केलेटर, लॉबी, रनिंग रूम, आरआरआई सहित स्टेशन के एक-एक कोने का निरीक्षण किया।
उन्होंने फुटओवर ब्रिज और वाईफाई सुविधाओं की जानकारी भी ली। इस दौरान कुछ खामियां मिलने पर उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के आदेश दिए।
स्टेशन अधीक्षक आरपी सिंह की मानें तो डीआरएम ने व्यवस्थाओं को लेकर संतोष जताया और जीएमके दौरे को लेकर आगामी योजनाओं की जानकारी दी।स्टेशन अधीक्षक आरपी सिंह के अनुसार 10 दिसंबर को उत्तर रेलवे के जीएम आशुतोष दंगल मेरठ-सहारनपुर टपरी आदि स्टेशनों का निरीक्षण करेंगे। इसको लेकर विभाग लगातार तैयारियों में जुटा है।
डीआरएम डिंपी गर्ग के निरीक्षण के दौरान ही रेल मंत्रालय सदस्य अंकित चौधरी के नेतृत्व में दर्जनों भाजपा कार्यकर्ता भी डीआरएम से मिलने सिटी स्टेशन पहुंचे। अंकित चौधरी जो कि भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी हैं ने विकलांगो के लिए इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर की व्यवस्था करने की बात कही।
अंकित चौधरी ने बताया कि स्टेशन पर विकलांगों के लिए कोई सुविधा नहीं है। यदि इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर की व्यवस्था हो जाए तो विकलांगों को स्टेशन प्लेटफार्म पर आने-जाने में सुविधा मिलेगी। इस मौके पर रोहन बैंसला, सौरभ पंडित, ऋषिपाल चौधरी मौजूद रहे।
अंकित चौधरी ने न्यूजट्रैक को बताया कि उनके द्वारा मेरठ स्थित शाप्रिक्स मॉल के निकट रेलवे क्रोसिंग (फाटक) लगवाने की मांग करते हुए डीआरएम को एक ज्ञापन भी सौंपा गया। ज्ञापन के अनुसार शाप्रिक्स मॉल के निकट से जो सड़क जाती है वह आगे जाकर रेलवे लाइन द्वारा बाधित होती है। जिस कारण आसपास के रहने वाले लोंगो को रोजाना समस्याओं का तो सामना करना ही पड़ता है । साथ ही सड़क के दूसरी तरफ जाने के लिए काफी जोखिम भी उठाना पड़ता है।
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